प्रतीकात्मक फोटो
कोट्टायम:
नागालैंड में उग्रवादियों के साथ हुए मुठभेड़ में 24 साल पहले अपनी जान गवां देने वाले सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट थॉमस जॉसेफ का अवशेष उनके गृह नगर कंजीरामट्टन लाया गया जहां अधिकारी को चर्च में राजकीय और सैन्य सम्मान के अंतिम विदाई दी गई.
अधिकारी का अवशेष शुक्रवार को होली क्रॉस चर्च लाया गया, जहां उनके परिवार वालों के द्वारा प्रार्थना की गई. जोसेफ नगा उग्रवादियों के साथ लड़ते हुए 12 जून, 1992 को शहीद हो गए थे और उनके शव को नागालैंड के चाकाबामा स्थित चर्च में ही दफना दिया गया था.
जोसेफ के भारतीय सैन्य अकादमी के सहपाठियों के प्रयासों से ही उनके माता-पिता नागालंड जाकर अपने बेटे के अवशेष को गृह राज्य वापस लाने में कामयाब हुए. अधिकारी के पिता सूबेदार मेजर (सेवानिवृत) ए टी थॉमस और मां रोजम्मा जोसेफ नम आंखों से तिरंगे में लिपटे हुए अपने बेटे के ताबूत को देख रहे थे. उन दोनों ने ताबूत को चूमा और अंतिम विदाई दी. अंतिम विदाई के समय सैन्य अधिकारी चर्च में मौजूद थे.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अधिकारी का अवशेष शुक्रवार को होली क्रॉस चर्च लाया गया, जहां उनके परिवार वालों के द्वारा प्रार्थना की गई. जोसेफ नगा उग्रवादियों के साथ लड़ते हुए 12 जून, 1992 को शहीद हो गए थे और उनके शव को नागालैंड के चाकाबामा स्थित चर्च में ही दफना दिया गया था.
जोसेफ के भारतीय सैन्य अकादमी के सहपाठियों के प्रयासों से ही उनके माता-पिता नागालंड जाकर अपने बेटे के अवशेष को गृह राज्य वापस लाने में कामयाब हुए. अधिकारी के पिता सूबेदार मेजर (सेवानिवृत) ए टी थॉमस और मां रोजम्मा जोसेफ नम आंखों से तिरंगे में लिपटे हुए अपने बेटे के ताबूत को देख रहे थे. उन दोनों ने ताबूत को चूमा और अंतिम विदाई दी. अंतिम विदाई के समय सैन्य अधिकारी चर्च में मौजूद थे.
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