
हरियाणा के मतदाताओं ने बीजेपी को सबसे बड़ा दल बनाने के बावजूद त्रिशंकु विधानसभा का जनादेश दिया. चुनावी नतीजों के रुझानों के साथ इस बात की सुगबुगाहट शुरू हो गई थी कि अब दुष्यंत चौटाल तय करेंगे कि राज्य में किसकी सरकार बनेगी. लेकिन शाम होते होते सारे सियासी समीकरण नया रुख लेते हुए नजर आ रहे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बीजेपी अब जेजेपी के समर्थन के बैगर सरकार बना लेगी. 6 निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी को समर्थन देने का मन बना लिया है. इनमें सिरसा से गोपाल कांडा, रानिया विधानसभा सीट से रणजीत चौटाला, बादशाहपुर से राकेश दौलताबाद, पृथला विधानसभा सीट से नयनपाल रावत, दादरी से सोपबीर सांगवान और महम से बलराज कुंडू का नाम शामिल है. प्राप्त जानकारी के अनुसार दो विधायकों को BJP की एक सांसद गुरुवार को दिल्ली ले आईं. निर्दलीय विधायक गोपाल कांडा (Gopal Kanda) और रणजीत सिंह (Ranjit Singh) को सिरसा की सांसद सुनीता दुग्गल एक चार्टर्ड विमान से दिल्ली ले आईं.
इन 6 में से तीन विधायक बलराज कुंडू,नयनपाल रावत,सोमबीर सांगवान पूर्व में बीजेपी के ही सदस्य थे. लेकिन विधानसभा चुनावों से पहले टिकट न मिलने पर बीजेपी छोड़ दी थी. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हरियाणा की सभी 90 सीटों के नजीते आ चुके हैं. यहां 40 सीटें जीतकर बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी है, वहीं दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस को 31 सीटें मिली हैं. दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी ने 10, निर्दलीय 7, इंडियन नेशनल लोकदल 1, और हरियाणा लोकहित पार्टी को 1 सीट मिली है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) सरकार बनाने का संकेत दे चुके हैं और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्यपाल से मिलने का समय भी मांग लिया है. BJP को सरकार बनाने के लिए 6 और सीटों की जरूरत होगी.
अमित शाह ने दिए संकेत- हरियाणा में BJP बनाएगी सरकार, खट्टर ने राज्यपाल से मिलने का समय मांगा
दूसरी तरफ भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा के सभी जीते हुए प्रत्याशियों से अपील की है कि राज्य में गैर बीजेपी सरकार बनाने के लिए एक साथ आएं. आपको बता दें कि चौटाला खानदान में आपसी कलह के बाद इनेलो में दो फाड़ होने के चलते दुष्यंत ने JJP का गठन किया था. राज्य विधानसभा चुनाव में JJP की झोली में 10 सीटें आई हैं जबकि सात पर निर्दलीयों की किस्मत खुली है. कुशल राजनीतिज्ञ की तरह दुष्यंत ने अभी इस बात को लेकर अपने पत्ते नहीं खोलें हैं कि वह राज्य सरकार बनाने के लिए बीजेपी को समर्थन देंगे या कांग्रेस को.
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