उज्जैन:
उज्जैन सिंहस्थ मेले में भारी बारिश के साथ आई तेज आंधी और बिजली गिरने से 7 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 90 अन्य घायल हो गए हैं। तूफान के कारण कई तंबू उखड़ गए हैं। आयोजन स्थल पर जगह-जगह कीचड़ भर गया है। सिंहस्थ मेला प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उज्जैन में बिजली आपूर्ति बाधित हुई है और अन्य शहरों को जोड़ने वाली सड़कों पर जाम लग गए हैं।
उज्जैन संभागायुक्त रविन्द्र पस्तौर ने बताया, 'मेला क्षेत्र में सात लोगों की मौत हो गई और लगभग 90 लोग घायल हो गए।' पुलिस अधीक्षक मनोहर वर्मा ने बताया, 'उज्जैन के उंडासा क्षेत्र में आकाशीय बिजली गिरने से एक महिला तीर्थयात्री की मौत हो गई।' वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बीएस चौहान ने बताया कि तेज हवाओं से मेला क्षेत्र में तीर्थयात्रियों के करीब 30 प्रतिशत अस्थाई तम्बू उखड़ गए हैं। इन्हें फिर से लगाने में करीब एक सप्ताह का वक्त लगेगा।
मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार दीपक तिवारी ने बताया कि बेमौसम हुई इस बारिश ने सिंहस्थ कुंभ में बहुत समस्याएं पैदा कर दी हैं। उज्जैन में रामघाट सहित जगह-जगह गटर का पानी फैल गया है, जिससे भारी गंदगी हो गई है। शहर में कीचड़ से श्रद्धालु परेशान हैं। आंधी में गिरे पंडाल के नीचे कुछ वाहन भी दब गए। राहत और बचाव के लिए एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया है।
सिंहस्थ कुंभ की शुरुआत में 22 अप्रैल को हुए पहले शाही स्नान में हुई अव्यवस्थाओं पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने नाराजगी जताई थी।
करीब 70 फीसदी पंडाल ध्वस्त
उज्जैन के महाकाल मंदिर के सिद्धी विनायक मंदिर के पुजारी दिलीप उपाध्याय (चम्मू गुरु) ने एनडीटीवी इंडिया को बताया कि बारिश, ओलावृष्टि और तूफान के कारण सिंहस्थ कुंभ के लिए लगाए गए पंडाल बड़ी संख्या में गिर गए हैं। करीब 7 से 8 लोग वर्षाजन्य हादसों के शिकार हुए हैं। उन्होंने बताया कि गुरुवार को कुंभ के तहत पंचक्रोशी यात्रा चल रही थी। इस यात्रा में श्रद्धालु बहुत बड़ी संख्या में शामिल हुए। यात्रा के दौरान ही बिजली गिरने के कारण एक श्रद्धालु की मौत हो गई।
बिजली गुल, सड़कों पर जाम
उपाध्याय ने बताया कि बारिश और तूफान के कारण 60 से 70 प्रतिशत पंडाल ध्वस्त हो गए हैं। उन्होंने बताया कि साधु-संतों के लिए वाटर प्रूफ पंडाल लगाए गए हैं जिनको नुकसान नहीं हुआ। आम जन के लिए लगाए गए सामान्य पंडाल क्षतिग्रस्त हो गए। उन्होंने बताया कि मौसम बिगड़ने के कारण बिजली आपूर्ति भी बाधित हो गई है जिसके कारण परेशानी हो रही है। देवास, इंदौर सहित अन्य शहरों के लिए जाने वाले रास्तों पर पांच-पांच किलोमीटर तक जाम लगा है। उन्होंने बताया कि महाकाल मंदिर की व्यवस्थाओं पर कोई असर नहीं पड़ा है।
(सभी फोटो : राज पाटीदार की फेसबुक वॉल से साभार)
(इनपुट भाषा से)
उज्जैन संभागायुक्त रविन्द्र पस्तौर ने बताया, 'मेला क्षेत्र में सात लोगों की मौत हो गई और लगभग 90 लोग घायल हो गए।' पुलिस अधीक्षक मनोहर वर्मा ने बताया, 'उज्जैन के उंडासा क्षेत्र में आकाशीय बिजली गिरने से एक महिला तीर्थयात्री की मौत हो गई।' वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बीएस चौहान ने बताया कि तेज हवाओं से मेला क्षेत्र में तीर्थयात्रियों के करीब 30 प्रतिशत अस्थाई तम्बू उखड़ गए हैं। इन्हें फिर से लगाने में करीब एक सप्ताह का वक्त लगेगा।
मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार दीपक तिवारी ने बताया कि बेमौसम हुई इस बारिश ने सिंहस्थ कुंभ में बहुत समस्याएं पैदा कर दी हैं। उज्जैन में रामघाट सहित जगह-जगह गटर का पानी फैल गया है, जिससे भारी गंदगी हो गई है। शहर में कीचड़ से श्रद्धालु परेशान हैं। आंधी में गिरे पंडाल के नीचे कुछ वाहन भी दब गए। राहत और बचाव के लिए एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया है।
यहां आए विदेशी पर्यटकों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सिंहस्थ कुंभ के दौरान 11 मई को पवित्र क्षिप्रा नदी में दलितों और आदिवासियों के साथ 'समरसता स्नान' करने वाले हैं।
सिंहस्थ कुंभ की शुरुआत में 22 अप्रैल को हुए पहले शाही स्नान में हुई अव्यवस्थाओं पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने नाराजगी जताई थी।
करीब 70 फीसदी पंडाल ध्वस्त
उज्जैन के महाकाल मंदिर के सिद्धी विनायक मंदिर के पुजारी दिलीप उपाध्याय (चम्मू गुरु) ने एनडीटीवी इंडिया को बताया कि बारिश, ओलावृष्टि और तूफान के कारण सिंहस्थ कुंभ के लिए लगाए गए पंडाल बड़ी संख्या में गिर गए हैं। करीब 7 से 8 लोग वर्षाजन्य हादसों के शिकार हुए हैं। उन्होंने बताया कि गुरुवार को कुंभ के तहत पंचक्रोशी यात्रा चल रही थी। इस यात्रा में श्रद्धालु बहुत बड़ी संख्या में शामिल हुए। यात्रा के दौरान ही बिजली गिरने के कारण एक श्रद्धालु की मौत हो गई।
बिजली गुल, सड़कों पर जाम
उपाध्याय ने बताया कि बारिश और तूफान के कारण 60 से 70 प्रतिशत पंडाल ध्वस्त हो गए हैं। उन्होंने बताया कि साधु-संतों के लिए वाटर प्रूफ पंडाल लगाए गए हैं जिनको नुकसान नहीं हुआ। आम जन के लिए लगाए गए सामान्य पंडाल क्षतिग्रस्त हो गए। उन्होंने बताया कि मौसम बिगड़ने के कारण बिजली आपूर्ति भी बाधित हो गई है जिसके कारण परेशानी हो रही है। देवास, इंदौर सहित अन्य शहरों के लिए जाने वाले रास्तों पर पांच-पांच किलोमीटर तक जाम लगा है। उन्होंने बताया कि महाकाल मंदिर की व्यवस्थाओं पर कोई असर नहीं पड़ा है।
(सभी फोटो : राज पाटीदार की फेसबुक वॉल से साभार)
(इनपुट भाषा से)
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