पूर्वी लद्दाख (Clash in Eastern Ladakh) में एलएसी (LAC) पर भारत का चीन के साथ तनाव बरकरार है. गुरुवार को विदेश मंत्रालय (MEA) की रुटीन प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवालों के जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव (Anurag Shrivastava) ने कहा कि चीन की तरफ से यथा स्थिति बदलने के लिए की गई एकतरफा कार्यवाई से (एलएसी पर) तनाव बढ़ा है. अब मुद्दों को सुलझा कर आगे बढ़ने का एक ही तरीका है- बातचीत का, कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर. वहां पर ग्राउंड कमांडरों की बातचीत चल रही है. दोनों देशों के विदेश मंत्रियों और विशेष, प्रतिनिधियों के बीच जो सहमति बनी थी कि जिम्मेदार तरीके से सीमा के मसले को सुलझाएं और कुछ भी ऐसा नहीं करें जिससे स्थिति बिगड़े, उसे याद दिलाते हैं.
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उन्होंने कहा, 'साफ है कि पिछले चार महीनों में जो हालात हमने देखे हैं वो सीधे तौर पर चीन की तरफ से ज़मीन पर यथास्थिति बदलने की एकतरफा कार्रवाई का नतीजा है. ये द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल जिन्होंने तीन दशक तक सीमावर्ती इलाकों में शांति बरकरार रखी थी, उनका उल्लंघन है. प्रवक्ता ने कहा कि आगे सिर्फ कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर बातचीत से बढ़ा जा सकता है और भारत बातचीत के ज़रिए सभी मुद्दों को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है. इसलिए भारत चीन को फिर से द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल के तहत पूरी तरह से डिएस्केलेशन और डिसएंगेजमेंट के लिए ईमानदारी से भारत के साथ काम करने को कहता है.
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