यह ख़बर 11 मई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

एसआईटी रिपोर्ट में खुलासा : 'एक्शन का रिएक्शन' था गुलबर्ग सोसाइटी दंगा

खास बातें

  • एसआईटी की रिपोर्ट में लिखा है कि ऐसा हो सकता है कि कांग्रेस नेता एहसान जाफरी के गोली चलाने के बाद अचानक गोधरा दंगे का बदला लेने के लिए जमा हुई उग्र लोगों की भीड़ भड़क गई हो।
अहमदाबाद:

गुजरात दंगों पर एसआईटी की क्लोजर रिपोर्ट में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के एक न्यूज चैनल को दिए गए इंटरव्यू का जिक्र है। इस इंटरव्यू को लेने वाले पत्रकार सुधीर चौधरी से एसआईटी ने पूछताछ की थी। एसआईटी की रिपोर्ट में लिखा है कि मोदी ने सुधीर चौधरी को इंटरव्यू में बताया कि गुलबर्ग सोसाइटी में दंगा एक्शन का रिएक्शन था।

इंटरव्यू में मोदी ने कहा कि 28 फरवरी, 2002 को गुलबर्ग सोसाइटी के बाहर इकट्ठा उग्र भीड़ पर कांग्रेस के नेता और पूर्व सांसद एहसान जाफरी ने फायरिंग की थी, जिसके बाद भीड़ ने सोसाइटी में घुसकर वहां आग लगा दी थी।

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एसआईटी की रिपोर्ट में आगे लिखा है कि ऐसा हो सकता है कि एहसान जाफरी के गोली चलाने के बाद अचानक गोधरा दंगे का बदला लेने के लिए जमा हुई उग्र लोगों की भीड़ भड़क गई हो। 2002 में गुलबर्ग सोसाइटी में हुए दंगे में 69 लोगों की मौत हुई थी।