गौरी लंकेश मामला : हत्याकांड में एसआईटी ने की जांच शुरू

गौरी की हत्या के बाद देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं और राजनीतिक दल भी इसकी निंदा कर रहे हैं.

गौरी लंकेश मामला :  हत्याकांड में एसआईटी ने की जांच शुरू

गौरी लंकेश

खास बातें

  • मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अपनी तफ्तीश शुरू कर दी है.
  • कर्नाटक सरकार : हमलावरों के जल्द से जल्द पकड़े जाने की उम्मीद है.
  • गौरी की हत्या के बाद देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं.
बेंगलूरू:

वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या को लेकर देशभर में आक्रोश देखा गया. इस पर राजनीतिक बयानबाजी का दौर भी चल रहा है, वहीं बुधवार को दिल्ली के प्रेस क्लब में पत्रकारों ने विरोध सभा आयोजित कर दोषियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की मांग की. पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अपनी तफ्तीश शुरू कर दी है वहीं कर्नाटक सरकार ने गुरुवार को कहा कि उसे हमलावरों के जल्द से जल्द पकड़े जाने की उम्मीद है. राज्य सरकार ने बुधवार को आईजीपी (खुफिया) बी के सिंह के नेतृत्व में 21 सदस्यीय एसआईटी के गठन की घोषणा की थी जो गौरी शंकर की हत्या के मामले में जांच करेगी. टीम में जांच अधिकारी के तौर पर पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) एम एन अनिरुद्ध भी हैं.

गौरी की हत्या के बाद देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं और राजनीतिक दल भी इसकी निंदा कर रहे हैं.

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प्रदेश के गृह मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘एसआईटी के सदस्यों ने गौरी लंकेश हत्याकांड में जांच शुरू कर दी है और राज्य सरकार को जल्द से जल्द हमलावरों के पकड़े जाने की उम्मीद है.’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जांच अधिकारी को मामले की तफ्तीश के लिए और जरूरत पड़ने पर जानकारी सार्वजनिक करने की पूरी आजादी दी गयी है.

क्या पुलिस ने प्रथमदृष्टया साक्ष्यों के आधार पर हमलावरों की वैचारिक पहचान को लेकर कोई संकेत दिये हैं, इस बारे में पूछे जाने पर रेड्डी ने कहा, ‘एसआईटी सदस्यों की जिम्मेदारी जांच करने की और हमलावरों को पकड़ने की है. उनके पास कुछ प्रथमदृष्टया सबूत हो सकते हैं, लेकिन उनके पास इसे सार्वजनिक नहीं करने का विशेषाधिकार है.’ उन्होंने कहा कि पुलिस उस जगह की सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है जहां 55 वर्षीय पत्रकार की गोली मारकर हत्या कर दी गयी.

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गौरी लंकेश की हत्या के मामले में सीबीआई जांच का फैसला नहीं करने को लेकर किसी तरह की राजनीतिक बाध्यता के सवाल पर रेड्डी ने कहा, ‘यह किसने कहा? हम खुली सोच रखते हैं और यही मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने भी कहा है. अगर हमें लगता है कि मामले की जांच सीबीआई से कराने की जरूरत है तो हम उसे उसके सुपुर्द कर देंगे.’ दक्षिणपंथी विरोधी विचारों और सत्ता विरोधी आवाज उठाने के लिए पहचान पाने वाली मुखर पत्रकार गौरी की पांच सितंबर की रात को अज्ञात हमलावरों ने यहां उनके घर के पास गोली मारकर हत्या कर दी थी.

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रेड्डी ने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी कन्नड लेखक एम एम कलबुर्गी की हत्या के मामले में भी कुछ और सुराग हासिल करने की दिशा में काम कर रहे हैं और सरकार को इस मामले में भी पर्दाफाश होने की उम्मीद है.(इनपुट भाषा से)


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