यह ख़बर 26 सितंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

अजित पवार का इस्तीफा : एनसीपी के भीतर दिखी दरार

खास बातें

  • अजित पवार के इस्तीफे को लेकर एनसीपी के भीतर दरार साफ दिख रही है। जहां एक ओर प्रफुल्ल पटेल इस्तीफे को सही बता रहे हैं, वहीं एनसीपी विधायक दल ने प्रस्ताव पास करके अजित पवार से इस्तीफा वापस लेने की मांग की है।
मुंबई:

अजित पवार के इस्तीफे को लेकर एनसीपी के भीतर दरार साफ दिख रही है। जहां एक ओर प्रफुल्ल पटेल इस्तीफे को सही बता रहे हैं, वहीं एनसीपी विधायक दल ने प्रस्ताव पास करके अजित पवार से इस्तीफा वापस लेने की मांग की है।

दूसरी ओर अजित पवार से इस्तीफा वापस लेने की मांग को लेकर उनके समर्थक भी सड़कों पर उतर आए। उन्होंने मुंबई विधानसभा के बाहर और नागपुर में प्रदर्शन किया।

महाराष्ट्र के सियासी संकट का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दिल्ली और मुंबई के सुर एकदम से अलग-अलग हैं। शरद पवार और दिल्ली में बैठे उनके साथी जो कुछ कह रहे हैं, उसके ठीक उलट मुंबई से संकेत आ रहे हैं। मंगलवार को शरद पवार ने एनडीटीवी से कहा था कि और मंत्रियों के इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता, लेकिन थोड़ी ही देर बाद उनकी बात के उलट बाकी के मंत्रियों ने इस्तीफा राज्य के पार्टी प्रमुख को भेज दिया। प्रफुल्ल पटेल ने दिल्ली में कहा कि एनसीपी की बैठक मुंबई में नहीं होगी, लेकिन थोड़ी ही देर बाद मुंबई में एनसीपी के प्रवक्ता ने बयान दिया कि पार्टी की बैठक होगी। इन सब के बाद उन कयासों को हवा मिल रही है कि एनसीपी में अजित पवार एक साथ कई मोर्चों पर लड़ रहे हैं। एक तरफ वह कांग्रेस के मुख्यमंत्री से परेशान हैं और उनके खिलाफ आई खबरों के लिए मुख्यमंत्री को जिम्मेदार मान रहे हैं और दूसरी तरफ वह अपने चाचा से भी अंदरखाने सत्ता की लड़ाई लड़ रहे हैं।

उधर, अजित पवार के इस्तीफे के चलते कांग्रेस व एनसीपी सरकार पर संकट मंडराने लगा है। एनसीपी को समर्थन देने वाले 13 निर्दलीय विधायकों ने यह संदेश पार्टी की राज्य इकाई प्रमुख को भेजा है कि अगर अजित पवार का इस्तीफा मंजूर होता है तो वे कांग्रेस−एनसीपी सरकार को दिए अपने समर्थन पर पुनर्विचार करेंगे।  

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इसके साथ प्रफुल्ल पटेल ने यह भी कहा कि कि महाराष्ट्र में उपमुख्यमंत्री की कुर्सी से अजित पवार के इस्तीफे के बाद कोई उपमुख्यमंत्री नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अजित पवार के हटने के बाद पार्टी किसी को उनकी जगह उपमुख्यमंत्री नहीं बनाएगी। अजित पवार विधायक दल के प्रमुख बने रहेंगे। वह पार्टी को राज्य में लीड करेंगे। यानी एक तरफ तो प्रफुल्ल ने उनके इस्तीफे का समर्थन किया दूसरी तरह एनसीपी ही उनसे इस्तीफा वापस मांग रही है।