शिवसेना का BJP पर हमला- 'महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की पटकथा पहले से ही थी तैयार'

सामना में शिवसेना ने राज्यपाल के द्वारा शिवसेना को सरकार बनाने के लिए मात्र 48 घंटे का समय देने के लिए राज्यपाल की आलोचना की है.

शिवसेना का BJP पर हमला- 'महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की पटकथा पहले से ही थी तैयार'

शिवसेना सांसद और 'सामना' के संपादक संजय राउत. (फाइल फोटो)

मुंबई:

शिवसेना ने गुरुवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की "पटकथा पहले ही लिख" दी गई थी. अपने मुखपत्र सामना में राज्यपाल पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने अब पार्टियों को सरकार बनाने के लिए छह महीने का समय दे दिया है. पार्टी ने यह भी कहा कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस राष्ट्रपति शासन लगाए जाने पर "मगरमच्छ के आंसू"  बहा रहे हैं, लेकिन सत्ता अब भी परोक्ष रूप से भाजपा के हाथ में ही है. 'मगरमच्छ के आंसू' बहाने वाले लोग तमाशा कर रहे हैं.

शिवसेना को सरकार बनाने का दावा जताने के लिए महज 24 घंटे का वक्त दिए जाने तथा अतिरिक्त समय दिए जाने से इनकार करने पर राज्यपाल कि आलोचना करते हुए शिवसेना ने  'सामना' के  संपादकीय में कहा, "ऐसा लग रहा है कि कोई अदृश्य शक्ति इस खेल को नियंत्रित कर रही है और उसके अनुसार फैसले लिए गए."

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आपको बता दें कि महाराष्ट्र में राजनीतिक गतिरोध के बीच मंगलवार शाम को राष्ट्रपति शासन लागू हो गया. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने केन्द्र को भेजी गई अपनी रिपोर्ट में कहा था कि मौजूदा हालात में राज्य में स्थिर सरकार के गठन के उनके तमाम प्रयासों के बावजूद यह असंभव प्रतीत हो रहा है. शिवसेना ने आरोप लगाया कि जब वह सरकार गठन के लिए दावा जताने के वास्ते और समय मांगने राज भवन गई तो प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया.

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मराठी पत्र में कहा गया है कि राज्यपाल ने 13वीं विधानसभा खत्म होने का इंतजार किया. अगर उन्होंने पहले सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी  होती तो राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करने का उनका कदम "नैतिक रूप से सही" प्रतीत होता. शिवसेना ने तंज किया, "राज्यपाल इतने दयालु हैं कि उन्होंने अब हमें छह महीने का वक्त दिया है. "उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति शासन लगाने की पटकथा पहले ही तैयार थी. यह पहले ही तय था." पत्र  में कहा गया है कि  राज्यपाल पहले आरएसएस कार्यकर्ता थे और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं लेकिन महाराष्ट्र भूगोल और इतिहास की दृष्टि से बड़ा राज्य है. सामना में कहा गया  "जब राज्यपाल ने सरकार गठन का दावा जताने के लिए 48 घंटे का समय देने से इनकार कर दिया तब लोगों को लगा कि जिस तरह से वह काम कर रहे हैं उसमें कुछ तो गलत है"

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