शिवसेना की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
शिवसेना ने प्रधानमंत्री मोदी के स्किल इंडिया कार्यक्रम की आलोचना की है. शिवसेना ने कहा पीएम ने सिर्फ युवाओं से धोखा किया है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के माध्यम से कहा कि केंद्र सरकार ने पहले एक साल में एक करोड़ युवाओं को नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन सरकार एक हजार युवाओं को भी नौकरी नहीं दे पाई. गौरतलब है कि शिवसेना का यह बयान मुंबई में हो रहे रेलवे अप्रेन्टिस आंदोलन के एक दिन बाद आया है.
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पार्टी ने दावा किया कि सरकार के पास स्किल इंडिया कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण में शामिल होने वाले युवा और बाद में नौकरी लेने वाले युवाओं का कोई आंकड़ा नहीं है. ध्यान हो कि रेलवे में नौकरियों की मांग को लेकर सैकड़ों रेलवे अप्रेन्टिस और अन्य छात्र कल माटूंगा और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस( सीएसएमटी) स्टेशनों के बीच पटरियों पर बैठ गए थे. इन युवाओं की मांग थी सरकार सिर्फ उन्हें टाल रही है.
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युवाओं के इस विरोध प्रदर्शन की वजह से 68 ट्रेनों को रद्द करना पड़ा और हजारों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा था. इन आंदोलनकारियों में अधिकतर रेलवे अप्रेन्टिस थे. वे रेलवे में नौकरियों की मांग कर रहे थे.
VIDEO: मुंबई में नौकरी की मांग को लेकर युवाओं ने किया प्रदर्शन.
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में आरोप लगाया कि एक तरफ प्रधानमंत्री स्किल इंडिया की बात करते हैं और अपने मन की बात कार्यक्रम के विज्ञापन पर 10 से 20 करोड़ रुपय खर्च करते हैं, वहीं दूसरी तरफ जिन्होंने कौशल हासिल कर लिया है उन्हें नौकरियां नहीं मिल रही हैं. (इनपुट भाषा से)
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पार्टी ने दावा किया कि सरकार के पास स्किल इंडिया कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण में शामिल होने वाले युवा और बाद में नौकरी लेने वाले युवाओं का कोई आंकड़ा नहीं है. ध्यान हो कि रेलवे में नौकरियों की मांग को लेकर सैकड़ों रेलवे अप्रेन्टिस और अन्य छात्र कल माटूंगा और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस( सीएसएमटी) स्टेशनों के बीच पटरियों पर बैठ गए थे. इन युवाओं की मांग थी सरकार सिर्फ उन्हें टाल रही है.
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युवाओं के इस विरोध प्रदर्शन की वजह से 68 ट्रेनों को रद्द करना पड़ा और हजारों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा था. इन आंदोलनकारियों में अधिकतर रेलवे अप्रेन्टिस थे. वे रेलवे में नौकरियों की मांग कर रहे थे.
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शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में आरोप लगाया कि एक तरफ प्रधानमंत्री स्किल इंडिया की बात करते हैं और अपने मन की बात कार्यक्रम के विज्ञापन पर 10 से 20 करोड़ रुपय खर्च करते हैं, वहीं दूसरी तरफ जिन्होंने कौशल हासिल कर लिया है उन्हें नौकरियां नहीं मिल रही हैं. (इनपुट भाषा से)