शिवसेना के नेता संजय राउत ने रविवार को कहा कि यदि महाराष्ट्र में कोई और सरकार गठित नहीं कर पाता है तो उनकी पार्टी अपनी अगली रणनीतिक की घोषणा करेगी. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक संजय राउत ने भी यह भी कहा कि कांग्रेस राज्य (महाराष्ट्र) की दुश्मन नहीं है. सभी पार्टियों के कुछ मुद्दों पर मतभेद रहते हैं. राउत ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी राज्य में सरकार गठित करने के लिए बीजेपी को आमंत्रित करने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के निर्णय का स्वागत करती है. उन्होंने कहा, 'अब हम उम्मीद करते हैं कि राज्यपाल के हस्तक्षेप से राज्य को सरकार मिल जाएगी.' राज्यसभा सदस्य ने कहा, 'सबसे बड़े एकल दल को बुलाया जाना था. हमें समझ नहीं आता कि यदि बीजेपी को बहुमत का भरोसा था तो उसने (परिणाम घोषित होने के) 24 घंटे बाद ही दावा क्यों नहीं किया.' शिवसेना की आगे की योजना के बारे में पूछे जाने पर राउत ने कहा, 'राज्यपाल के पहले कदम पर तस्वीर साफ हो जाने दीजिए. यदि कोई और सरकार गठित नहीं कर पाता है तो शिवसेना अपनी रणनीति घोषित करेगी.'
Shiv Sena leader Sanjay Raut: Congress is not the enemy of the State. All parties have differences on some issues. https://t.co/ckIfQzI4TP
— ANI (@ANI) November 10, 2019
उन्होंने बताया कि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पार्टी विधायकों से रविवार अपराह्न साढ़े 12 बजे मुलाकात करेंगे. ठाकरे के निवास के बाहर यहां शिवसेना कार्यकर्ताओं द्वारा उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग करते हुए लगाए पोस्टरों के बारे में पूछे जाने पर राउत ने कहा, 'उद्धव ठाकरे शिवसेना के नेता हैं और वह सही समय पर उचित फैसला करेंगे. उन्होंने पहले ही कह दिया है कि वह शिवसेना के किसी नेता को मुख्यमंत्री बनाएंगे.'
इससे पहले उन्होंने शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना' में राज्य में सरकार गठन पर गतिरोध की पृष्ठभूमि में जर्मन तानाशाह अडोल्फ हिटलर का जिक्र किया और महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए उन पर डर की राजनीति खेलने का आरोप किया. राउत ने फडणवीस का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘जब राजनीतिक सहयोग हासिल करने की कोशिश और धमकाने के तरीके काम नहीं करते तो यह स्वीकार करने का समय होता है कि हिटलर मर चुका है और गुलामी के गहराते बादल छंट गए हैं.'' उन्होंने अपने लेख में कहा कि फडणवीस को दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आशीर्वाद मिला था, इसके बावजूद वह इस पद पर नहीं बैठ पाए. राउत ने कहा, ‘‘वह शपथ इसलिए नहीं ले पाए क्योंकि बीजेपी प्रमुख अमित शाह राज्य की गतिविधियों से दूर हैं.'' 21 अक्टूबर को महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 105 और शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत हासिल की. राज्य में 288 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत हासिल करने के लिए 145 सीटों पर जीत की आवश्यकता होती है.
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