भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता और सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद पंसारे पर हुए हमले के मामले में 24 घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है, वहां इस हमले पर शिवसेना ने बगावती तेवर दिखाए हैं।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के जरिये महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा है जब डॉ दाभोलकर पर हमला हुआ था, तब प्रदेश में कांग्रेस-एनसीपी की सरकार थी। अब जब हमला हुआ है, सत्ता परिवर्तित हो चुकी है, लेकिन सरकार बदलने के बावजूद घटनाएं नहीं रुक रही हैं। जिन लोगों ने दाभोलकर हत्याकांड में आरोप लगाए, आज वही सिंहासन पर बैठे हैं, ऐसे में घटनाओं की ज़िम्मेदारी कौन लेगा। महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था की धज्जियां उड़ रही हैं, अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं, और अगर सवाल उठाओ तो लोग पूछते हैं कि सरकार तो अपनी ही है।
सीपीआई के वरिष्ठ नेता गोविंद पंसारे और उनकी पत्नी उमा पंसारे पर सोमवार सुबह करीब 8 बजे मोटरसाइकिल सवार दो अज्ञात हमलावर गोलियां दागकर फरार हो गए थे। डॉक्टरों के मुताबिक फिलहाल दोनों की हालत स्थिर है, उमा पंसारे की हालत पहले से बेहतर है।
वामपंथी नेता हमले के लिए दक्षिणपंथी ताकतों को ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं। सीपीआई के महाराष्ट्र सचिव डॉ कांगो भालचंद्रे ने एनडीटीवी से कहा है कि शक की सुई कट्टरपंथी और ठेकेदारों की लॉबी पर ही है, जिनके गलत कामों के खिलाफ पंसारे लड़ रहे थे..." वहीं कोल्हापुर जिले के पालक मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने एनडीटीवी से कहा कि जिले के एसपी मनोज शर्मा पूरे मामले की जांच कर रहे हैं, ऐसे में जब तक कुछ ठोस निकलकर नहीं आता, इस मामले में कोई टिप्पणी करना ठीक नहीं होगा। उन्होंने यह भी कहा कि जिन सामाजिक कार्यकर्ताओं को जान का खतरा है, सरकार उन्हें सुरक्षा देने के बारे में सोच रही है।
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