वाराणसी:
साहित्यकार काशीनाथ सिंह लिखित उपन्यास 'काशी के अस्सी' पर बन रही फिल्म 'मोहल्ला अस्सी' रिलीज होने से पहले ही अपने ट्रेलर को लेकर विवादों में घिर गयी है। डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी निर्देशित फिल्म में भगवान शंकर को गाली देते दिखाया गया है। जिसको लेकर वाराणसी में लोग इसके विरोध में खड़े होते दिख रहे हैं।
बुद्धिजीवी समाज हो या संत समाज सभी जगह इस फिल्म को लेकर अब रोष है। आज अपने इसी रोष को जताने लिये वाराणसी में प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय पर गुरुवार को फ़िल्म मोहल्ला अस्सी के विरोध में शिवसैनिकों ने प्रदर्शन किया और फ़िल्म से आपत्तिजनक भाषा को हटाने की मांग की।
गौरतलब है कि 'मोहल्ला अस्सी' फिल्म लेखक काशीनाथ सिंह के उपन्यास 'काशी का अस्सी' पर आधारित फ़िल्म है। इस फिल्म की पूरी शूटिंग वाराणसी के अस्सी मोहल्ले और उसके आस पास हुई है। उपन्यास के मुख्य किरदार तन्नी गुरु रहे हैं जिसकी भूमिका फिल्म में सनी देओल निभा रहे हैं जबकि और दूसरे चरित्र में भोजपुरी स्टार रवि किशन हैं।
इस फिल्म को लेकर बनारस के लोगों में बेहद उत्सुकता थी क्योंकि ये उपन्यास बनारस के अस्सी मोहल्ले के प्रसिद्ध पप्पू के चाय की दूकान पर लगने वाली अड़ी और उसके हास विनोद के गिर्द बुनी गई है जिसमें बनारस के बिन्दास पन का अपना एक चरित्र नज़र आता है। यही वजह है कि इसके रिलीज का बनारस के लोगों को इंतज़ार था।
लेकिन फिल्म के प्रोमो में जिस तरह बनारस के लोगों के आराध्य भगवान शिव को संवाद करते दिखाया गया और जिस भाषा का प्रयोग कराया गया उसने यहां के लोगों को गहरी चोट पहुंचाई है जिसकी वजह से लोगों में गुस्सा भर गया है। इस विषय पर टेलीफोन पर हुई अनौपचारिक बात में काशीनाथ सिंह ने कहा कि दो मिनट का प्रोमो कैसे पूरी फिल्म की समीक्षा करूं। वैसे भी इसके बारे में निर्देशक से पूछना चाहिये।
इधर शिवसैनिकों का कहना है कि इस तरह का कार्य काशी की गरिमा को नुकसान पहुंचाने की साजिश है। इसके साथ ही शिवसैनिकों ने चेतावनी भी दी है कि अगर फिल्म से इस तरह की आपत्तिजनक भाषा को हटाया नहीं गया तो 28 जून जो कि इस फिल्म के रिलीज की तारीख बतायी जा रही है उस दिन उग्र प्रदर्शन होगा।
बुद्धिजीवी समाज हो या संत समाज सभी जगह इस फिल्म को लेकर अब रोष है। आज अपने इसी रोष को जताने लिये वाराणसी में प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय पर गुरुवार को फ़िल्म मोहल्ला अस्सी के विरोध में शिवसैनिकों ने प्रदर्शन किया और फ़िल्म से आपत्तिजनक भाषा को हटाने की मांग की।
गौरतलब है कि 'मोहल्ला अस्सी' फिल्म लेखक काशीनाथ सिंह के उपन्यास 'काशी का अस्सी' पर आधारित फ़िल्म है। इस फिल्म की पूरी शूटिंग वाराणसी के अस्सी मोहल्ले और उसके आस पास हुई है। उपन्यास के मुख्य किरदार तन्नी गुरु रहे हैं जिसकी भूमिका फिल्म में सनी देओल निभा रहे हैं जबकि और दूसरे चरित्र में भोजपुरी स्टार रवि किशन हैं।
इस फिल्म को लेकर बनारस के लोगों में बेहद उत्सुकता थी क्योंकि ये उपन्यास बनारस के अस्सी मोहल्ले के प्रसिद्ध पप्पू के चाय की दूकान पर लगने वाली अड़ी और उसके हास विनोद के गिर्द बुनी गई है जिसमें बनारस के बिन्दास पन का अपना एक चरित्र नज़र आता है। यही वजह है कि इसके रिलीज का बनारस के लोगों को इंतज़ार था।
लेकिन फिल्म के प्रोमो में जिस तरह बनारस के लोगों के आराध्य भगवान शिव को संवाद करते दिखाया गया और जिस भाषा का प्रयोग कराया गया उसने यहां के लोगों को गहरी चोट पहुंचाई है जिसकी वजह से लोगों में गुस्सा भर गया है। इस विषय पर टेलीफोन पर हुई अनौपचारिक बात में काशीनाथ सिंह ने कहा कि दो मिनट का प्रोमो कैसे पूरी फिल्म की समीक्षा करूं। वैसे भी इसके बारे में निर्देशक से पूछना चाहिये।
इधर शिवसैनिकों का कहना है कि इस तरह का कार्य काशी की गरिमा को नुकसान पहुंचाने की साजिश है। इसके साथ ही शिवसैनिकों ने चेतावनी भी दी है कि अगर फिल्म से इस तरह की आपत्तिजनक भाषा को हटाया नहीं गया तो 28 जून जो कि इस फिल्म के रिलीज की तारीख बतायी जा रही है उस दिन उग्र प्रदर्शन होगा।
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