विज्ञापन
This Article is From Dec 10, 2019

शिवसेना का मोदी सरकार पर निशाना- अर्थव्यवस्था के सर्वनाश के लिए नेहरू तथा इंदिरा गांधी को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते

शिवसेना ने 'सामना' के संपादकीय में कहा कि जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि की दर 6 वर्षों में सबसे कम रही है. देश की अर्थव्यवस्था का जो सर्वनाश हो रहा है उसके लिए पंडित नेहरू तथा इंदिरा गांधी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है.

शिवसेना का मोदी सरकार पर निशाना- अर्थव्यवस्था के सर्वनाश के लिए नेहरू तथा इंदिरा गांधी को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते
शिवसेना ने 'सामना' के जरिए मोदी सरकार पर हमला बोला है
नई दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और शिवसेना (Shiv Sena) की दोस्ती और दुश्मनी किसी से छुपी नहीं है. दोस्ती के दिनों में भी शिवसेना आए दिन अपने मुखपत्र 'सामना' के जरिए मोदी सरकार (Modi Govt) पर हमलावर रहती थी. महाराष्ट्र चुनाव के बाद अब जब दोस्ती दुश्मनी में बदल चुकी है, तो जाहिर है शिवसेना खुलकर सामने आ चुकी है. पार्टी ने 'सामना' की आड़ में एक बार फिर देश की अर्थव्यवस्था और प्याज की आसमान छू रही कीमतों को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है.

शिवसेना ने मंगलवार को 'सामना' के संपादकीय में कहा कि जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि की दर 6 वर्षों में सबसे कम 4.5 फीसदी रही है. देश की अर्थव्यवस्था का जो सर्वनाश हो रहा है उसके लिए पंडित नेहरू तथा इंदिरा गांधी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है. संपादकीय में कहा गया, 'मैं प्याज-लहसुन नहीं खाती इसलिए प्याज के बारे में मुझे मत पूछो', ऐसा बचकाना जवाब देने वाली वित्त मंत्री इस देश को मिली हैं और प्रधानमंत्री को इसमें सुधार करने की इच्छा दिखाई नहीं देती.

रवीश कुमार का प्राइम टाइम: नागरिकता बिल में एक धर्म विशेष पर चुप्‍पी क्‍यों?

शिवसेना ने कहा कि प्याज की कीमत 200 रुपए किलो को छू रही है. मोदी जब प्रधानमंत्री नहीं थे तब प्याज की बढ़ती कीमतों पर उन्होंने चिंता व्यक्त की थी. वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने कहा था कि 'प्याज जीवनावश्यक वस्तु है. यदि ये इतना महंगा हो जाएगा तो प्याज को लॉकर्स में रखने का वक्त आ गया है', आज उनकी नीति बदल गई है. मोदी अब प्रधानमंत्री हैं और देश की अर्थव्यवस्था धराशायी हो गई है. बेहोश व्यक्ति को प्याज सुंघाकर होश में लाया जाता है, लेकिन अब बाजार से प्याज ही गायब हो गया है, इसलिए यह भी संभव नहीं है.

शिवसेना ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में सत्ता का केंद्रीकरण देश की 'खराब' अर्थव्यवस्था के मुख्य कारणों में से एक है. केंद्र सरकार वित्त मंत्री और आरबीआई गवर्नर को अपने नियंत्रण में रखना चाहती है. वर्तमान सरकार विशेषज्ञों की सुनने की मन:स्थिति में नहीं है और देश की अर्थव्यवस्था उनकी नजर में शेयर बाजार का 'सट्टा' हो गई है. अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में जोरदार पतझड़ जारी है, लेकिन सरकार मानने को तैयार नहीं है.

नागरिकता संशोधन बिल पर बोले शिवसेना नेता संजय राउत, प्रवासी हिन्दुओं को वोट का अधिकार न मिले

'सामना' में आगे कहा गया कि रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा था कि हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था गिरती जा रही है. अर्थव्यवस्था बीमार पड़ गई है. उन्होंने इसकी वजह प्रधानमंत्री कार्यालय में अधिकारों का केंद्रीकरण और अधिकार शून्य मंत्री को बताया है. उन्होंने कहा है कि वर्तमान सरकार में निर्णय, कल्पना, योजना इन तमाम स्तरों का केंद्रीकरण हो गया है.

आगे कहा गया कि शासकों को अपनी मुट्ठी में रहने वाले वित्त मंत्री, रिजर्व बैंक के गवर्नर, वित्त सचिव, नीति आयोग के अध्यक्ष चाहिए और यही अर्थव्यवस्था की बीमारी की जड़ है. शिवसेना ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को लकवा मार गया है, यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है. रघुराम अर्थव्यवस्था के बेहतरीन डॉक्टर हैं और उनके द्वारा किया गया नाड़ी परीक्षण योग्य ही है.

शिवसेना ने आगे कहा कि बुलेट ट्रेन जैसी परियोजनाओं पर बेवजह जोर देकर आर्थिक भार बढ़ाया जा रहा है. अधिकार शून्य वित्त मंत्री और वित्त विभाग के कारण देश की नींव ही कमजोर होती है. पंडित नेहरू और उनके सहयोगियों ने जो कमाया उसे बेचकर खाने में ही फिलहाल खुद को श्रेष्ठ माना जा रहा है.

VIDEO: प्याज की बढ़ी कीमतों ने लोगों के सुबह के नाश्ते को किया बेमजा

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com