'राष्ट्रपति शासन' वाले बयान पर शिवसेना का BJP को जवाब- ऐसी धमकियों से फर्क नहीं पड़ता

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए आज फिर बीजेपी पर निशाना साधा है और पूछा कि क्या राष्ट्रपति आपकी जेब में हैं? दरअसल शुक्रवार को बीजेपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा था कि  अगर राज्य में सात नवंबर तक नयी सरकार नहीं बनती है तो यहां राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है.

'राष्ट्रपति शासन' वाले बयान पर शिवसेना का BJP को जवाब- ऐसी धमकियों से फर्क नहीं पड़ता

शिवसेना ने मुखपत्र सामना के जरिए BJP को जवाब दिया है

खास बातें

  • सामना के जरिए शिवसेना ने साधा निशाना
  • शिवसेना कर रही है बीजेपी पर हमले
  • उद्धव और शरद पवार की बातचीत की भी खबर
नई दिल्ली:

शिवसेना (Shiv Sena) ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए आज फिर बीजेपी (BJP) पर निशाना साधा है और पूछा कि क्या राष्ट्रपति आपकी जेब में हैं? दरअसल शुक्रवार को बीजेपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा था कि  अगर राज्य में सात नवंबर तक नयी सरकार नहीं बनती है तो यहां राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार गठन में मुख्य बाधा शिवसेना की ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद की मांग है. इस पर सामना में लिखा है कि वर्तमान में महाराष्ट्र की राजनीति फिलहाल एक मजेदार 'शोभायात्रा' बन गई है और इसका जिम्मेदार कौन है? इसके आगे शिवसेना ने सुधीर मुनगंटीवार पर तंज कसते हुए कहा कि विदा होती सरकार के बुझे हुए जुगनू रोज नए-नए मजाक करके महाराष्ट्र को कठिनाई में डाल रहे हैं.  आपको बता दें कि शिवसेना अब बीजेपी के साथ सरकार बनाने की संभावनाओं छोड़कर अन्य विकल्प तलाशने लगी है. खबर है कि उद्धव ठाकरे ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से बात की है और सोमवार को पवार कांग्रेस अध्यक्ष गांधी से मुलाकात करेंगे. इससे पहले शिवसेना संजय राउत भी शरद पवार से मिल सके हैं. 

राष्ट्रपति क्या मुट्ठी में हैं?
सामना में आगे लिखा है कि 7 नवंबर तक राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाएगा, श्री मुनगंटीवार और उनकी पार्टी के अंदर कौन सा जहर उबाल मार रहा है. इससे समझा जा सकता है कि क्या राष्ट्रपति मुट्ठी में हैं या फिर राष्ट्रपति का रबर स्टांप बीजेपी में कार्यालय में हैं. 

राष्ट्रपति शासन की धमकी मत दो
सामना में आगे लिखा है कि जिसने खुद को मुख्यमंत्री घोषित किया है अगर वह सरकार बनाने के लिए दावा पेश नहीं करते हैं तो क्या इसके लिए महाराष्ट्र को जिम्मेदार ठहराया जाएगा.  राष्ट्रपति शासन की धमकी मत दो, कानून, संविधान और संसदीय लोकतंत्र की प्रथा और परंपरा हमें भी पता है.  महाराष्ट्र में जो झमेला चल रहा है उसकी चिंगारी हमने नहीं फेंकी. राष्ट्रपति शासन लगाने की धमकी से महाराष्ट्र को फर्क नहीं पड़ता. राष्ट्रपति शासन लगाने वाले पहले सरकार बनाने का दावा तो पेश करें. फिर आगे देखा जाएगा.
 

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