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This Article is From Nov 05, 2020

अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर शिवसेना का पलटवार, भाजपा को यूपी-गुजरात के उदाहरण गिनाए

शिवसेना ने मुखपत्र सामना में आरोप लगाया कि पिछली सरकार ने अर्नब गोस्वामी को अन्वय नाइक की आत्महत्या के मामले में बचाने के लिए लीपापोती की कोशिश की.

अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर शिवसेना का पलटवार, भाजपा को यूपी-गुजरात के उदाहरण गिनाए
अर्नब को मुंबई में उनके आवास से बुधवार को गिरफ्तार किया गया
मुंबई:

शिवसेना (Shiv sena) ने रिपब्लिक टीवी (Republic TV)  के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami) की गिरफ्तारी के मामले में भाजपा की आलोचना के जवाब में पलटवार किया है. भाजपा (BJP) ने इसे काला दिन और प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला करार दिया था. शिवसेना ने मुखपत्र सामना (Saamana) में आरोप लगाया कि पिछली सरकार ने अर्नब गोस्वामी को अन्वय नाइक की आत्महत्या के मामले में बचाने के लिए लीपापोती की कोशिश की.

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शिवसेना ने कहा, यह आश्चर्यजनक है कि गोस्वामी की गिरफ्तारी के मामले को केंद्र के मंत्री और महाराष्ट्र में भाजपा के नेता आपातकाल जैसी स्थिति बता रहे हैं. गोस्वामी को बुधवार मुंबई स्थित उनके घर से इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया था.  शिवसेना ने कहा, पिछली राज्य सरकारों ने गोस्वामी को इस मामले में बचाने का प्रयास किया. पार्टी ने याद दिलाया कि राज्य सरकार के खिलाफ लिखने के कारण गुजरात में एक पत्रकार को गिरफ्तार किया गया था. जबकि उत्तर प्रदेश में एक पत्रकार की हत्या हो गई थी.

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सामना में पार्टी ने लिखा, ''कोई भी इन मामलों को आपातकाल की याद नहीं दिला सकता. वास्तव में महाराष्ट्र में भाजपा के नेताओं को अन्वय नाइक को न्याय की मांग करनी चाहिए. अपनी बीमार मां के साथ एक बेकसूर व्यक्ति खुदकुशी कर दुनिया छोड़ गया. मृत व्यक्ति की पत्नी न्याय की मांग कर रही है और पुलिस सिर्फ कानून का पालन कर रही है.'' पार्टी ने कहा, '' इसमें लोकतंत्र पर हमले का सवाल कहां उठता है. जो लोग ऐसी बात कर रहे हैं. वे वास्तव में लोकतंत्र के पहले स्तंभ को कुचलने की कोशिश कर रहे हैं. प्रधानमंत्री समेत सभी व्यक्ति कानून के सामने बराबर हैं.'' 

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खुदकुशी के लिए उकसाने के मामले मेंअर्नब गोस्वामी को अलीबाग कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज है. अर्नब गोस्वामी और दो अन्य आरोपी 18 नवंबर तक हिरासत में रहेंगे. कोर्ट ने गोस्वामी का वो आरोप खारिज कर दिया, जिसमें वो कह रहे थे कि पुलिस ने उनके साथ जोर-जबरदस्ती की है. अर्नब को अदालत ने कोर्ट के अंदर फोन का उपयोग करने और कार्यवाही का लाइव प्रसारण करने पर फटकार लगाई.

पुलिस ने गोस्वामी की 14 दिन की हिरासत का अनुरोध किया था, लेकिन अदालत ने कहा कि हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत नहीं है. गोस्वामी को न्यायिक हिरासत में भेजने के बाद उनके वकील आबाद पोंडा और गौरव पारकर ने जमानत के लिए याचिका दाखिल की है. पोंडा ने बताया कि कोर्ट ने पुलिस से अपना जवाब दाखिल करने को कहा है और मामले में अगली सुनवाई गुरुवार को लिस्ट की गई है.

इंटीरियर डिजाइनर को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार अर्नब गोस्वामी के खिलाफ महिला पुलिस अधिकारी के साथ मारपीट करने के आरोप में एक और FIR दर्ज की गई है. उन पर आरोप है कि बुधवार की सुबह जब उनके निवास पर पुलिस के पहुंचने पर उन्होंने महिला पुलिस अधिकारी के साथ मारपीट की. गोस्वामी के खिलाफ आईपीसी की धारा 353, 504 और 34 के तहत  एनएम जोशी पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है.

गौरतलब है कि 2018 मई में इंटीरियर डिजायनर अन्वय नाइक (Interior Designer Anvay Naik) औऱ उनकी मां कुमुद नाइक ने अलीबाग के अपने घर मे खुदकुशी की थी. मरने के पहले अन्वय ने सुसाइड नोट छोड़ा था. इसमें उन्होंने अपनी मौत के लिए तीन लोगों को जिम्मेदार ठहराया गया था. उनमें से एक नाम अर्नब गोस्वामी का भी था.

अर्नब पर आरोप था कि उन्होंने दफ़्तर का काम करवाने के बाद उनके 83 लाख रुपये नहीं दिए. पुलिस ने खुदकुशी का मामला दर्ज कर जांच शुरू की लेकिन बाद में केस बंद कर दिया गया. राज्य में सरकार बदलने के बाद पीड़ित परिवार ने एक बार फिर से मुद्दा उठाया और न्याय की गुहार लगाई. मई महीने में गृहमंत्री अनिल देशमुख ने जांच CID को सौंप दी. इसी मामले में आज सुबह अलीबाग पुलिस अर्नब गोस्वामी के घर पहुंची और उन्हें हिरासत में लिया. 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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