EU सांसदों के कश्मीर दौरे पर शिवसेना ने उठाए सवाल- सब कुछ ठीक तो इनको लाने का क्या मकसद?

शिवसेना ने कहा, नेहरू कश्मीर मसले को यूएन ले गए, ये आज भी बहस का मुद्दा. कश्मीर मसले पर यूएन का दख़ल आपको मंज़ूर नहीं है. फिर यूरोपीय समुदाय की फ़ौजदारी की आवश्यकता कैसे मंज़ूर?

EU सांसदों के कश्मीर दौरे पर शिवसेना ने उठाए सवाल- सब कुछ ठीक तो इनको लाने का क्या मकसद?

ईयू के 23 सांसद कश्मीर दौरे पर गए हैं.

खास बातें

  • शिवसेना ने साधा केंद्र सरकार पर निशाना
  • पूछा- यूरोपीय दल यहां क्या करने वाला है?
  • 'अब विरोधियों को बेकार शक का मुद्दा मिलेगा'
नई दिल्ली:

विपक्षी दलों के साथ ही अब बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने भी यूरोपीय संघ के सांसदों के कश्मीर दौरे को लेकर सवाल उठाए हैं. शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा गया है कि कश्मीर देश का आंतरिक मामला, अंतरराष्ट्रीय नहीं. सबकुछ ठीक है तो यूरोपीय दल को लाने का क्या मक़सद? संपादकीय में लिखा है, 'इस दौरे से अब विरोधियों को बेकार शक का मुद्दा मिलेगा. नेहरू कश्मीर मसले को यूएन ले गए, ये आज भी बहस का मुद्दा. कश्मीर मसले पर यूएन का दख़ल आपको मंज़ूर नहीं है. फिर यूरोपीय समुदाय की फ़ौजदारी की आवश्यकता कैसे मंज़ूर? ये देश की सार्वभौमिकता और आज़ादी पर हमला नहीं है क्या?'

साथ ही लिखा है, 'कश्मीर में आज भी नेताओं के प्रवेश पर पाबंदी. फिर गृह मंत्री बताएं कि यूरोपीय दल यहां क्या करने वाला है?'

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यूरोपीय संघ (ईयू) के सांसदों को कश्मीर जाने देने और भारतीय सांसदों को अनुमति न देने को लेकर कांग्रेस और वाम सहित विपक्षी दलों ने भी मंगलवार को केंद्र सरकार की निन्दा की. वहीं, भाजपा ने कदम का बचाव करते हुए कहा कि विपक्षी नेताओं को कश्मीर जाने से किसी ने नहीं रोका है. कांग्रेस ने ईयू सांसदों को कश्मीर दौरे की अनुमति देने पर सरकार पर अपना हमला तेज कर दिया और इसे ‘राष्ट्रीय शर्मिंदगी' करार देते हुए जवाबदेही की मांग की. नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इसे ‘पीआर स्टंट' करार दिया और माकपा ने इसे संसद तथा इसकी संप्रभुता का ‘अपमान' करार दिया.

वहीं, भाकपा के एक नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि उन्हें भी जम्मू कश्मीर जाने देने की अनुमति दी जाए क्योंकि विदेशी प्रतिनिधियों के स्वागत में ‘‘लाल कालीन'' बिछाया गया है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि भाजपा का राष्ट्रवाद अजीब है. वह यूरोपीय सांसदों को दौरा करने और कश्मीर में हस्तक्षेप करने की अनुमति देती है, जबकि भारतीय सांसदों को हवाईअड्डे से लौटा दिया जाता है.

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वहीं, कांग्रेस के वरिष्ट प्रवक्ता आनंद शर्मा ने सरकार द्वारा विदेशी सांसदों को कश्मीर जाने की अनुमति देने को ‘‘राष्ट्रीय शर्मिंदगी'' बताया और कहा कि जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि सरकार को यूरोपीय सांसदों को अनुमति देने से पहले विपक्ष के सांसदों को जम्मू कश्मीर जाने देने की अनुमति देनी चाहिए थी.

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कांग्रेस के एक अन्य महासचिव गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हालांकि उन्हें यूरोपीय सांसदों के कश्मीर जाने से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन सरकार द्वारा भारतीय सांसदों को कश्मीर न जाने देने का वह विरोध करते हैं.

भाकपा नेता बिनय विश्वम ने मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया कि उन्हें जम्मू कश्मीर जाने की इजाजत दी जाए क्योंकि एक विदेशी प्रतिनिधिमंडल को क्षेत्र में ‘‘लाल कालीन'' बिछाकर प्रवेश दिया गया है.

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माकपा पोलित ब्यूरो ने एक बयान में कहा कि भारतीय सांसदों और राष्ट्रीय दलों के नेताओं को जम्मू कश्मीर न जाने देना, जबकि विदेशी प्रतिनिधिमंडल को इसकी अनुमति देना भारतीय संसद और इसकी संप्रभुता का ‘अपमान' है. वहीं, भाजपा ने कदम का बचाव करते हुए कहा कि विपक्षी नेताओं को कश्मीर जाने से किसी ने नहीं रोका है.

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