शिवसेना ने हाथरस गैंगरेप (Hathras Gangrape) मामले में भाजपा और योगी सरकार पर निशाना साधा है. पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा कि रात 2.30 बजे पीड़िता का अंतिम संस्कार कराने को अमानवीय था. पार्टी ने लिखा कि अयोध्या की देवी सीता भी इससे बेहद चिंतित होंगी.
पार्टी ने सवाल उठाया कि क्या पीड़िता का मृत्यु पूर्व दिया गया बयान कोई मायने नहीं रखता. शिवसेना ने पीड़िता के परिजन से मुलाकात करने जा रहे विपक्षी नेताओं के साथ धक्का-मुक्की को "लोकतंत्र के साथ सामूहिक दुष्कर्म" करार दिया.
शिवसेना ने सामना के एक लेख में कहा, योगी आदित्यनाथ के शासन में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार काफी बढ़ गए हैं. प्रधानमंत्री ने भले ही अयोध्या में राम मंदिर की नींव रख दी हो, लेकिन यूपी में राम राज्य नहीं आया है, वहां जंगल राज है. यूपी के मुख्यमंत्री संन्यासी हैं और प्रधानमंत्री अकेले रहते हैं, लेकिन उन दोनों के पास सर्वोत्तम स्तर की सुरक्षा है, मगर राज्य में महिलाएं असुरक्षा के माहौल में जी रही हैं. यूपी पुलिस के एक अधिकारी द्वारा सामूहिक दुष्कर्म न होने का दावा करते हुए फोरेंसिक रिपोर्ट का हवाला देने पर पार्टी बिफरी. पार्टी ने सवाल उठाया कि नाबालिग दलित लड़की ने खुद गैंगरेप का बयान दिया था, क्या यह काफी नहीं है?
शिवसेना ने कहा कि हाथरस के बाद बलरामपुर में भी दुष्कर्म का मामला सामने आया, लेकिन योगी सरकार के रुख में कोई बदलाव नहीं आया. उलटे योगी सरकार विरोध प्रदर्शन पर सवाल खड़े कर रही है. राज्य सरकार धमका रही है कि आवाज उठाने की कोशिश मत करना. पार्टी ने तीन दिनों तक नेताओं और मीडिया पर पाबंदी लगाने के फैसले पर भी भाजपा सरकार को घेरा.
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से धक्का-मुक्की पर पार्टी ने लिखा कि वह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पोते और राजीव गांधी के बेटे हैं, जिन्होंने देश के लिए अपना बलिदान दिया है. लेकिन जिन लोगों ने एक दिन भी देश के लिए कार्य नहीं किया, वे राहुल गांधी को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं.
शिवसेना ने पीड़िता के परिवार के साथ दुर्व्यवहार की भी आलोचना की. पार्टी ने लेख में लिखा, पीड़िता के परिवार को घर में बंद कर दिया गया है. पीड़िता के शव को पेट्रोल छिड़ककर दाह संस्कार जला देना अमानवीय है. यह न केवल महिला का अपमान है, बल्कि हिन्दू संस्कृति का भी. देश इससे पहले इतना असहाय नहीं था.समाज पंगु हो गया है और मतदाता लाचार हैं, बहादुर बिटिया हमें माफ करना.
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