चंबल की बीहड़ों को त्यागकर राजनीति में उतरीं पूर्व सांसद फूलन देवी की हत्या के मामले में यहां की एक अदालत ने शुक्रवार को मुख्य आरोपी शेर सिंह राणा को दोषी करार दिया। राणा पर आरोप था कि उसने 25 जुलाई, 2001 को फूलन देवी की गोली मार कर हत्या कर दी थी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश भारत पराशर ने 1981 के बेहमई नरसंहार का बदला लेने के लिए फूलन की हत्या करने के आरोपी शेर सिंह राणा को दोषी करार दिया। डकैत से नेता बनी फूलन ने बेहमई में एक ही जाति के 17 लोगों की हत्या कर दी थी। राणा ने दावा किया था कि ठाकुरों के नरसंहार का बदला लिया है।
फूलन हत्या के समय उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से समाजवादी पार्टी की सांसद थीं और अशोक रोड स्थित सरकारी आवास में रहती थीं। राणा ने अपने साथियों के साथ मिलकर फूलन के सरकारी आवास के बाहर हत्या को अंजाम दिया था।
इस मामले में राणा के अलावा 11 अन्य भी आरोपी थे, जिनमें से एक प्रदीप की नवंबर 2013 में तिहाड़ जेल में हृदय गति रुकने से मौत हो गई। शुक्रवार को सुनाए गए फैसले में अदालत ने राणा को छोड़ शेष सभी को रिहा कर दिया।
राणा को 27 जुलाई 2001 को गिरफ्तार किया गया था लेकिन 2004 में वह तिहाड़ जेल से फरार होने में कामयाब रहा। 2006 में उसे कोलकाता से गिरफ्तार किया गया और फिर दिल्ली लाकर उच्च सुरक्षा वाले कारागृह में डाल दिया गया।
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