दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय शीला दीक्षित की आखिरी चिट्ठी में आखिर क्या लिखा था और किनसे वो नाराज थीं? नाम न छापने की शर्त पर उनके करीबियों का कहना है कि शीला दीक्षित ने अपने निधन से दो दिन पहले एक पत्र सोनिया गांधी को लिखा जिसमें कहा था कि अजय माकन के इशारे पर दिल्ली कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको कुछ ऐसे कदम उठा रहे हैं जो कांग्रेस के लिए ठीक नहीं है. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस दिल्ली में दूसरे नंबर पर रही जबकि ये लोग गठबंधन के पक्ष में हवा बनाने में जुटे थे. शीला ने कहा कि अगर उनकी बात में गलत हैं तो इस पर जांच करवाई जा सकती है. शीला दीक्षित इस चिट्ठी को खुद 18 जुलाई को सोनिया गांधी को देकर आई थीं फिर 19 जुलाई को उन्होंने अहमद पटेल से भी मुलाकात की. हालांकि इस चिट्ठी को उजागर नहीं किया गया है लेकिन यह साफ है कि दिल्ली कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको से अंतिम समय में उनका टकराव छिपा नहीं था.
प्रदर्शन के वक्त सिर्फ चार से 500 लोग ही क्यों
शीला दीक्षित का मानना था कि दिल्ली में NSUI, यूथ कांग्रेस और मंडल को मिलाकर दिल्ली के कांग्रेस में करीब एक हजार लोग हैं लेकिन उसके बावजूद दिल्ली कांग्रेस के प्रदर्शन में चार पांच सौ कार्यकर्ताओं से ज्यादा क्यों नहीं होते हैं. कहीं न कहीं जमीनी कार्यकर्ता और संगठन के लोग सक्रिय नहीं है इसी के चलते वो संगठन को मजबूत करने के लिए हाल में ही तीन नए प्रवक्ताओं की भी नियुक्ति की थी.
आखिर क्यों नाराज थी शीला दीक्षित?
दरअसल दिल्ली में शीला दीक्षित और पीसी चाको के बीच कई सारे मुद्दों पर मतभेद थे लेकिन ये टकराव दिल्ली लोकसभा चुनाव के समय खुले तौर पर दिखी. पीसी चाको के साथ कई पुराने नेता आम आदमी पार्टी से गठबंधन के पक्ष में थे लेकिन शीला दीक्षित खेमा इसके खिलाफ था. इसके बाद शीला दीक्षित ने दिल्ली में मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति की लेकिन पीसी चाको ने शीला दीक्षित की तबियत खराब का हवाला देते हुए तीनों कार्यकारी अध्यक्ष हारिन यूसूफ, राजेश लिलोठिया और देवेंद्र यादव को स्वतंत्र रुप से काम करने को कहा जिससे शीला दीक्षित की नाराजगी चाकों को लेकर बढ़ गई थी. हालांकि पीसी चाको से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि पार्टी के आंतरिक मामलों पर वो मीडिया में कुछ नहीं बोलते हैं.
अब शीला दीक्षित की लगेगी मूर्ति
दिल्ली प्रदेश कार्यालय में अब शीला दीक्षित की मूर्ति लगाई जाएगी. साथ ही एक सभागार का नाम भी शीला दीक्षित के नाम पर रखा जाएगा. दिल्ली कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कहते हैं कि शीला दीक्षित तीन बार की मुख्यमंत्री रही हैं और कांग्रेस को मजबूत करने के लिए काफी काम किया है. उनकी प्रतिमा लगने से कार्यकर्ताओं को प्रेरणा मिलेगी.
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