कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने शनिवार को पुणे अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव में कहा कि भारत अब एक ऐसा देश बन गया है जहां या तो आप इस तरफ हैं या उस तरफ और इसके बीच सहिष्णुता के लिये कोई जगह नहीं है. उन्होंने इस राजनीतिक 'ध्रुवीकरण' के लिए “सत्ताधारी दल” के कृत्यों और पसंद को जिम्मेदार ठहराया. “ट्रूली योर्स” शीर्षक वाले एक सत्र में 'वाई आई एम ए हिंदू' (Why I Am a Hindu) किताब के लेखक शशि थरूर ने कहा कि 'कोई हिंदू तरीका नहीं' है यद्यपि यहां 'मेरा या उनका' हिंदू तरीका है. उन्होंने कहा, 'यहां मेरा हिंदू नजरिया है. वहां हिंदूत्व का उनका नजरिया है और हर किसी का अपना हिंदूवादी तरीका है. यही जादू है क्योंकि हिंदूत्व कोई कठोर तरीका नहीं बताता है.' थरूर ने कहा, 'मैं राम की पूजा कर सकता हूं, मैं हनुमान चालीसा पढ़ता हूं, इसलिये मैं हिंदू हूं....लेकिन अचानक अगर कोई कहे कि मैं इनमें से कुछ नहीं करता और इसके बावजूद मैं हिंदू हूं तब वो दोनों सही हैं, और इसे भाजपा तथा संघ परिवार नहीं समझ पाया है.'
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शशि थरूर ने कहा, 'मैं मानता हूं कि मेरा एक सच है और आप मानते हैं कि आपके पास सच है...मैं अपने सच का सम्मान करूंगा और कृपया मेरे सच का सम्मान कीजिए...मेरे लिये, यह हिंदुत्व की मूल भावना है.' उन्होंने कहा कि 'सहिष्णुता' से भी आगे 'स्वीकार्यता' है. थरूर ने दावा किया कि हिंदुत्व न सिर्फ भारतीय समाज, सभ्यता और संस्कृति का आधार है बल्कि यह भारतीय लोकतंत्र की भी मजबूती है. भाजपा पर निशाना साधते हुए थरूर ने कहा कि भारत में राजनीति का ध्रुवीकरण हुआ है और इसके लिये खासतौर पर सत्ताधारी दल के कृत्य और पसंद जिम्मेदार हैं.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं