वैश्विक अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस संक्रमण के असर की आशंका के कारण वैश्विक स्तर पर जारी बिकवाली के बीच शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स में 1,100 अंक से अधिक की गिरावट दर्ज की गयी. इस भारी गिरावट के कारण शुक्रवार को कारोबार के कुछ ही देर में निवेशकों को पांच लाख करोड़ रुपये से अधिक की चपत लग गयी. बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 1163 अंक यानी 2.93 प्रतिशत गिरकर 38,582.66 अंक पर चल रहा था. एनएसई का निफ्टी भी 350.35 यानी 3.01 प्रतिशत गिरकर 11,282.95 अंक पर चल रहा था. सेंसेक्स की सभी 30 कंपनियों के शेयर गिरावट में चल रहे थे. टाटा स्टील, टेक महिंद्रा, इंफोसिस, महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फाइनेंस, एचसीएल टेक और रिलायंस इंडस्ट्रीज में आठ प्रतिशत तक की गिरावट देखने को मिली.
बृहस्पतिवार को सेंसेक्स 143.30 अंक यानी 0.36 प्रतिशत गिरकर 39,745.66 अंक पर और निफ्टी 45.20 अंक यानी 0.39 प्रतिशत टूटकर 11,633.30 अंक पर बंद हुआ था. विश्लेषकों के अनुसार, निवेशकों का पिछले सप्ताह तक मानना था कि यदि चीन ने कोरोना वायरस के संक्रमण पर काबू पा लिया तो वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इस आपदा का मामूली असर पड़ेगा.
लेकिन संक्रमित लोगों के नये मामले सामने आते जाने से निवेशकों की धारणा बदली है और वे आर्थिक नरमी को लेकर चिंतित हो उठे हैं. इसके साथ ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की बिकवाली जारी रहने से भी बाजार पर दबाव है. प्राथमिक आंकड़ों के अनुसार, बृहस्पतिवार को एफपीआई ने 3,127.36 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की.
एशियाई बाजारों में चीन के शंघाई कंपोजिट, हांगकांग के हैंगसेंग, दक्षिण कोरिया के कोस्पी और जापान के निक्की में चार प्रतिशत तक की गिरावट चल रही थी. अमेरिका का डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज बृहस्पतिवार को 1,190.95 अंक गिरकर बंद हुआ था. यह डाउ जोन्स के इतिहास में सबसे बड़ी एकदिवसीय गिरावट है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं