शरद पवार
- अजित पवार पर शरद पवार का फूटा गुस्सा
- विधायक दल के नेता पद से अजित पवार को हटाया
- जयंत पाटिल बने विधायक दल के नए नेता
राज्य में तख्तापलट के बाद एनसीपी नेता शरद पवार (Sharad Pawar) ने बड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की है. शरद पवार ने अपने भतीजे और एनसीपी नेता अजित पवार (Ajit Pawar) को विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया है. अजित की जगह जयंत पाटिल को NCP विधायक दल का नेता बनाया गया है. बता दें कि महाराष्ट्र में जारी सियासी उठापटक के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायक दल की बैठक जारी है. बताया जा रहा है कि एनसीपी के 54 विधायकों में से 48 विधायक बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे हैं. पहले खबर आई थी कि 9 बागी विधायक दिल्ली जा रहे हैं लेकिन बाद में उनमें से दो शरद पवार के पास लौट आए. उसके बाद 7 विधायकों के प्राइवेट चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली जाने की खबर आई. लेकिन धनंजय मुंडे जो सुबह तक अजित पवार के साथ थे, वो भी बाद में बैठक के लिए पहुंच गए जहां तालियां बजाकर उनका स्वागत किया गया.
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एनसीपी विधायक दल की बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें कहा गया कि अजित पवार की कार्रवाई ने पार्टी की नीतियों का उल्लंघन किया है. बैठक में पार्टी अध्यक्ष शरद पवार भी मौजूद थे. इसमें कहा गया है कि विधायक दल के अगले नेता का चयन होने तक एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल के पास सभी अधिकार होंगे. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद पार्टी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार को 30 अक्टूबर को विधायक दल का नेता चुना गया था.
प्रस्ताव में कहा गया है कि व्हिप जारी करने के अजित पवार के अधिकार को भी वापस ले लिया गया है. प्रदेश में राजनीतिक घटनाक्रम में आलोक में पार्टी ने शरद पवार और जयंत पाटिल को पार्टी के अगले कदम पर फैसला लेने के लिए अधिकृत किया है. गौरतलब है कि एनसीपी नेता अजित पवार के समर्थन से भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार की सुबह मुख्यमंत्री पद की, जबकि एनसीपी नेता अजित ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इस बारे में पवार ने कहा था फडणवीस को समर्थन देना उनके भतीजे का व्यक्तिगत निर्णय है और यह पार्टी का निर्णय नहीं है. शनिवार सुबह महाराष्ट्र की राजनीति के नाटकीय मोड़ लेने के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने विधायक दल की बैठक बुलायी थी. इस बैठक में पार्टी के 54 में से 49 विधायक शामिल हुए.
सूत्रों ने बताया कि पार्टी को उम्मीद है कि बाकी बचे विधायक भी वापस लौट आयेंगे. एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि एनसीपी विधायकों की जो सूची अजित पवार ने शपथ ग्रहण समारोह से पहले राज्यपाल को सौंपी है असल में उस पर पार्टी की पहले हुई बैठक में शामिल हुए विधायकों ने हस्ताक्षर किए थे. अजित के साथ शपथ ग्रहण समारोह के दौरान उपस्थित कुछ विधायक बाद में पार्टी में वापस लौट आये और पार्टी प्रमुख शरद पवार के प्रति अपनी वफादारी दिखायी. अजित को कितने विधायकों का समर्थन प्राप्त है यह अब भी एक रहस्य बना हुआ है. इस बीच सूत्रों ने बताया कि अजित पवार की पार्टी की प्राथमिक सदस्यता अब भी बरकरार है. उन्होंने बताया, ‘‘पार्टी में वापस लौटने के लिए उन्हें समझाने का प्रयास किया जा रहा है.''
आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों के लिए 21 अक्टूबर को चुनाव हुए थे और 24 अक्टूबर को परिणाम आए थे. चुनाव में बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं. किसी भी पार्टी या गठबंधन के सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करने के बाद 12 नवंबर को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था.
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