उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पिता मुलायम सिंह यादव के साथ फाइल फोटो
खास बातें
- एमएलसी उदयवीर सिंह को मुलायम सिंह ने पार्टी से निकाला
- उदयवीर सिंह ने मुलायम की दूसरी पत्नी पर साज़िश का आरोप लगाया था
- उदय के मुताबिक अखिलेश पर उनकी सौतेली मां ने काला जादू किया था
लखनऊ: मुलायम सिंह ने एमएलसी उदयवीर को 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया है. शुक्रवार को ही खबर आई थी अखिलेश के करीबी माने जेने वाले उदयवीर सिंह ने मुलायम को चिट्ठी लिखकर अखिलेश और मुलायम के बीच मतभेदों के पीछे अखिलेश की सौतेली मां साधना गुप्ता को ज़िम्मेदार ठहराया था. यहां यह साफ कर दिया गया है कि अनुशासनहीनता को पार्टी में किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
इस फैसले पर सपा नेता अंबिका चौधरी ने कहा कि 'पार्टी पच्चीस सालों में जहां तक पहुंची है, अपने अनुशासन की वजह से पहुंची है. इसलिए किसी भी तरह का अमर्यादित व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उदयवीर सिंह के आचरण के कारण पार्टी से उनको छह सालों के लिए निष्कासित कर दिया गया है.'
बता दें कि उदयवीर सिंह ने मुलायम सिंह यादव को चिट्ठी लिखकर इस बात की मांग की है कि वे खुद पार्टी के संरक्षक बनें और अपनी कुर्सी (वर्तमान में राष्ट्रीय अध्यक्ष) अपने बेटे सीएम अखिलेश को सौंप दें. उदयवीर ने अपनी चिट्ठी में यह भी लिखा कि परिवार के भीतर से भी अखिलेश यादव के खिलाफ साजिश हो रही है और शिवपाल यादव इसमें शामिल हैं.
यही नहीं इस खत में सिंह ने कहा कि मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना अपने सौतेले बेटे अखिलेश यादव के प्रति द्वेष की भावना रखती हैं और शिवपाल यादव मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पॉपुलेरिटी से जलते हैं. उदयवीर सिंह ने शिवपाल यादव और साधना पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा इन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को नुकसान पहुंचाने के लिए काले जादू का सहारा लिया.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में यादव परिवार के झगड़े में बीच-बचाव के लिए समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आगे आए हैं. शनिवार को ही सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव से मिलने नरेश अग्रवाल, बेनी प्रसाद वर्मा, विधानसभा स्पीकर माता प्रसाद पांडे उनके घर पहुंचे जहां पार्टी के मौजूदा हालात पर बैठक हुई जिसके बाद बेनी प्रसाद ने कहा कि चुनाव में बहुत कम वक्त बचा है ऐसे में परिवार में मौजूदा मतभेद जल्द खत्म हो जाना चाहिए. शनिवार को ही लखनऊ में समाजवादी पार्टी के दफ़्तर में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक हुई जिसमें अखिलेश यादव और उनके समर्थक नेता, राम गोपाल यादव और मुलायम सिंह यादव भी शामिल भी नहीं हुए.