प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जर्मनी और फ्रांस के दौरे के दौरान देश के अति विशाल, लेकिन खस्ताहाल रेलवे के आधुनिकीकरण में सहयोग पर चर्चा उनके प्रमुख एजेंडे में शामिल होगा। तेज गति वाली बुलेट ट्रेनों के आने में अभी काफी समय लग सकता है, लिहाजा भारत सरकार इससे पहले सस्ते, सुरक्षित एवं आधुनिक परिवहन प्रणाली प्रदान करने वाली छोटी मेट्रो ट्रेनों की खरीदारी कर सकती है।
राजनयिक सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री का पहला पड़ाव 10 अप्रैल को फ्रांस में होगा, जहां 'मेक इन इंडिया' चर्चा का मुख्य एजेंडा होगा। फ्रांस अपनी तेज गति की रेल सेवा 'टीजीवी' के लिए विख्यात है, हालांकि वह अपनी मध्यम गति की रेल प्रौद्योगिकी को भी भारत के साथ साझा करना चाहेगा।
रेल मंत्रालय ने वैश्विक ठेकेदारों से इलेक्ट्रिक मल्टिपल यूनिट्स (ईएमयू) रेलगाड़ियों की खरीदारी के लिए घोषणा कर चुका है और इस तरह की ट्रेनों की खरीदारी के लिए उसकी नजर मुख्य रूप से जर्मनी, फ्रांस और स्पेन पर है, जहां ये मेट्रो ट्रेनें काफी प्रचलित हैं।
एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि शुरुआत में खरीदारी पूर्ण निर्मित ट्रेनों के पूरे सेट की हो सकती है, हालांकि साथ में प्रौद्योगिकी स्थानांतरण को लेकर भी साझेदारी हो सकती है, जिससे भारत बाद में देश में ही इस तरह की ट्रेनों का निर्माण कर सके।
मौजूदा ब्रॉड गेज रेल पटरियों पर चलने वाली ये मेट्रो ट्रेनें 130 से 150 किलोमीटर प्रति घंटा की गति वाली हो सकती हैं। रेल मंत्री सुरेश प्रभु द्वारा सदन में पेश किए गए रेल बजट में इस खरीदारी के बारे में घोषणा की गई है और भारत सरकार का यह कदम देश में रेल परिवहन के क्षेत्र में नई 'क्रांति' साबित हो सकता है।
इन मेट्रो ट्रेनों की एक खासियत यह है कि राजधानी और शताब्दी ट्रेनों से इतर इन्हें खींचने के लिए अलग से इंजन की जरूरत नहीं होगी, बल्कि मेट्रों ट्रेन के कोच ही इलेक्ट्रिक मोटर से युक्त होंगे। अमूमन इन उपनगरीय मेट्रो ट्रेनों के दो डिब्बों में ऐसी मोटर लगी होती हैं।
देश में चलने वाली तेज गति कि राजधानी ट्रेनों की औसत गति 90 किलोमीटर प्रति घंटा है, लेकिन बेहद कम समय में तेज गति पकड़ लेने और अच्छी ब्रेक प्रणाली के कारण मेट्रो ट्रेनों की औसत गति 130 से 150 किलोमीटर प्रति घंटा तक होगी।
इन मेट्रो ट्रेनों के दोनों छोरों पर चालक डिब्बे होंगे तथा इनमें एअर कंडिशनिंग के लिए इंजन, पैंट्री और ब्रेक वैन जैसे अतिरिक्त डिब्बे न होने के कारण अधिक संख्या में यात्रियों की ढुलाई हो सकेगी। ये ट्रेनें सुरक्षा के लिहाज से भी अच्छी मानी जा रही हैं। एक विशेषज्ञ ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया, "इन ट्रेनों से दुर्घटना के कारण होने वाली मौतों की संभावनाएं भी काफी कम होगी।"
सबसे बड़ी बात यह है कि ये ईएमयू मेट्रो ट्रेनें बुलेट ट्रेनों से कहीं किफायती होंगी।
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