नई दिल्ली:
कश्मीर के बारामुला में शुक्रवार को भी सुरक्षा बलों ने जमकर तलाशी ली और 27 लोगों को हिरासत में लिया है. इसके पहले 44 लोगों को गिरफ़्तार किया गया था. सुरक्षा बलों की कोशिश इलाके से आतंकवाद के समर्थन को ख़त्म करने की है.
उधर महबूबा मुफ्ती ने अपील की है कि पुलिस अभिभावकों की तरह पेश आए ताकि राज्य में अमन लाया जा सके और अफस्पा को ख़त्म करने की राह खुले. महबूबा मुफ़्ती का कहना है, 'शांति आएगी तो अफ़्स्पा हटेगा.'
जम्मू-कश्मीर में अमन की वकालत करते हुए मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने पुलिस से नरमी भरा रुख़ बरतने की अपील की. उन्होंने पुलिस से कहा, 'पुलिस पैरेंट्स की तरह काम करे तभी बात बनेगी.' महबूबा के बयान पर फ़ौरन केंद्र ने प्रतिक्रिया दी, हालांकि कुछ ठंडी. पीएमओ में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है, 'जहां तक आतंकवाद का सवाल है केंद्र और राज्य सरकार की एक राय है.' वैसे जम्मू-कश्मीर में इस नरम भाषा के साथ सरकार हिंसा करने वालों पर सख़्त कार्रवाई का रास्ता भी खोले हुए है.
शुक्रवार को बारामुला में सुरक्षा बलों की फिर से हुई कार्रवाई यही बताती है. एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक 27 लोगों को हिरासत में लिया गया जिनकी पूरी छानबीन होगी. जो हिंसा से अलग पाए जाएंगे, उन्हें छोड़ दिया जाएगा. सुरक्षा बलों के मुताबिक उन्हें और भी अहम सामग्री मिली है.
इसके पहले जम्मू-कश्मीर सरकार ने 12 ऐसे अफसरों को बर्ख़ास्त कर दिया था जिन पर हिंसा में साथ देने का आरोप बनता दिखा. जाहिर है, सख़्ती और नरमी का ये साझा डोज़ वह नया नुस्खा है जिससे कश्मीर को अमन की राह पर लाने की कोशिश चल रही है.
उधर महबूबा मुफ्ती ने अपील की है कि पुलिस अभिभावकों की तरह पेश आए ताकि राज्य में अमन लाया जा सके और अफस्पा को ख़त्म करने की राह खुले. महबूबा मुफ़्ती का कहना है, 'शांति आएगी तो अफ़्स्पा हटेगा.'
जम्मू-कश्मीर में अमन की वकालत करते हुए मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने पुलिस से नरमी भरा रुख़ बरतने की अपील की. उन्होंने पुलिस से कहा, 'पुलिस पैरेंट्स की तरह काम करे तभी बात बनेगी.' महबूबा के बयान पर फ़ौरन केंद्र ने प्रतिक्रिया दी, हालांकि कुछ ठंडी. पीएमओ में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है, 'जहां तक आतंकवाद का सवाल है केंद्र और राज्य सरकार की एक राय है.' वैसे जम्मू-कश्मीर में इस नरम भाषा के साथ सरकार हिंसा करने वालों पर सख़्त कार्रवाई का रास्ता भी खोले हुए है.
शुक्रवार को बारामुला में सुरक्षा बलों की फिर से हुई कार्रवाई यही बताती है. एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक 27 लोगों को हिरासत में लिया गया जिनकी पूरी छानबीन होगी. जो हिंसा से अलग पाए जाएंगे, उन्हें छोड़ दिया जाएगा. सुरक्षा बलों के मुताबिक उन्हें और भी अहम सामग्री मिली है.
इसके पहले जम्मू-कश्मीर सरकार ने 12 ऐसे अफसरों को बर्ख़ास्त कर दिया था जिन पर हिंसा में साथ देने का आरोप बनता दिखा. जाहिर है, सख़्ती और नरमी का ये साझा डोज़ वह नया नुस्खा है जिससे कश्मीर को अमन की राह पर लाने की कोशिश चल रही है.
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