भारतीय रिजर्व बैंक (RB) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के चलते रिजर्व बैंक आर्थिक हालात पर लगातार नजर रखे हुये है और वह आर्थिक तंत्र में पर्याप्त लिक्विडिटी बनाये रखने के लिये हर संभव कदम उठाने की तैयारी में है. इसके साथ ही रिवर्स रेपो रेट में कटौती का ऐलान किया गया है. RBI द्वारा घोषित नए कदमों पर फेडरेशन ऑफ इंडियन माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज के सेक्रेटरी जनरल अनिल भारद्वाज ने कहा है "आरबीआई ने बाजार में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं. लेकिन इस लिक्विडिटी का कितना हिस्सा छोटे और मध्यम उद्योगों तक पहुंच पाएगा इसको लेकर संशय है. इसकी वजह है कि 27 मार्च को आरबीआई ने जो बड़े फैसले लिए थे उसका फायदा छोटे और मध्यम उद्योगों को नहीं मिला है और इतनी लैंडिंग उन तक नहीं पहुंची है."
भारद्वाज ने कहा जहां तक 20 अप्रैल से ग्रामीण इलाकों में आर्थिक गतिविधियों को खोलने की शुरुआत की बात है ये फैसला पहला कदम होगा ... छोटी फैक्ट्रियां खुलेंगे, कम से कम मजदूरों को सैलरी मिलेगा. लेकिन छोटे उद्योगों में जो मैन्युफैक्चरिंग की प्रक्रिया है उसे प्री- कोविड के स्तर पर आने में बहुत समय लगेगा. फिलहाल MSMEs 25 फ़ीसदी अपनी क्षमता पर काम कर पाएंगे यह कहना अभी मुश्किल लग रहा है ...छोटे उद्योग एक सप्लाई चैन का हिस्सा होते हैं जिससे ट्रांसपोर्ट रॉ मैटेरियल की सप्लाई करने वाले लोग और खरीददार जुड़े होते हैं. जब तक पूरी सप्लाई चैन नहीं खोली जाएगी, छोटे और मध्यम उद्योग अपनी पूरी क्षमता के मुताबिक काम नहीं कर पाएंगे.
VIDEO:कोरोना संकट के बीच RBI का अनुमान, 2021-22 में 7.4 फीसदी रहेगी GDP
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं