प्रतीकात्मक तस्वीर.
                                                                                                                        
                                        
                                        
                                                                                तिरुवनंतपुरम: 
                                        केरल में बाढ़ से भारी तबाही हुई है, हजारों की संख्या में घर-द्वार उजड़ गए तो सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है. अब जाकर हालात में कुछ सुधार है, फिर भी लोगों का जीना दुश्वार है. जनजीवन को पटरी पर लाने के लिए केंद्र और तमाम राज्यों से आर्थिक मदद के साथ राहत सामग्री भेजी जा रही. मगर कुछ अफसर इस संकट की घड़ी में भी वारे-न्यारे करने में जुटे हैं. ऐसे ही मामला सामने आया है राज्य के वायनाड जिले में. जहां राहत सामग्री का गबन करने के आरोप में दो अफसर गिरफ्तार हुए हैं.
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एक वरिष्ठ अधिकारी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया कि एक अन्य वरिष्ठ सरकारी अफसर की शिकायत पर यह कार्रवाई करते हुए दोनों को गिरफ्तार किया गया है. शिकायत के अनुसार, एस. थॉमस और एम.पी. दिनेश को बाढ़ से प्रभावित गांवों में राहत-सामग्री बांटने की जिम्मेदारी मिली थी. मगर दोनों अफसर राहत-सामग्री को किसी और जगह भेजकर गबन कर रहे थे. भनक लगने पर राहत शिविरों में रहने वाले लोग आक्रोशित हो उठे.
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जब दोनों अफसर पनामाराम गांव में राहत सामग्री को वाहनों पर रखवा रहे थे, उसी दौरान शिविरार्थी दर्जनों की संख्या में जुट गए और उन्होंने अफसरों को रोक लिया. अधिकारियों ने कहा कि वे सामग्री को गांव के दूसरे शिविर में ले जा रहे थे, मगर इस जवाब से शिविरार्थी संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने पुलिस को बुला लिया. पूछताछ में पता चला कि अफसर झूठ बोल रहे हैं.इस बीच चेंग्गनूर में भी ऐसी घटना होने की सूचना मिली है, जहां आरोपी एक अस्थाई सरकारी अधिकारी था.
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                                केरल में बाढ़ से 20,000 करोड़ के नुकसान का अनुमान, राज्य सरकार लोगों को दे सकती है बिना ब्याज का लोन
एक वरिष्ठ अधिकारी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया कि एक अन्य वरिष्ठ सरकारी अफसर की शिकायत पर यह कार्रवाई करते हुए दोनों को गिरफ्तार किया गया है. शिकायत के अनुसार, एस. थॉमस और एम.पी. दिनेश को बाढ़ से प्रभावित गांवों में राहत-सामग्री बांटने की जिम्मेदारी मिली थी. मगर दोनों अफसर राहत-सामग्री को किसी और जगह भेजकर गबन कर रहे थे. भनक लगने पर राहत शिविरों में रहने वाले लोग आक्रोशित हो उठे.
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