नई दिल्ली:
सर्वोच्च न्यायालय ने पूर्व रेल मंत्री सीके जाफर शरीफ के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम के तहत भ्रष्टाचार के एक मामले में आपराधिक कार्यवाही शुक्रवार को खारिज कर दी।
1995 के एक मामले में शरीफ रेलमंत्री के रूप में अपनी निजी यात्रा के दौरान सरकारी कर्मचारियों को अपने साथ लंदन ले जाने के लिए भ्रष्टाचार के आरोपी बनाए गए थे।
न्यायमूर्ति पी सथशिवम और रंजना गोगोई की पीठ ने कार्यवाही खारिज करते हुए कहा कि यह मामला इस तरह की किसी भ्रष्ट या अवैध गतिविधि से नहीं जुड़ा है, जिसमें उन्हें कोई आर्थिक लाभ हुआ हो। शरीफ, पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के दौरान रेलमंत्री थे।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आरोप लगाया कि शरीफ ने सार्वजनिक क्षेत्र के दो उपक्रमों के प्रबंध निदेशकों पर इस बात के लिए दबाव बनाया कि वे अपने चार कर्मचारियों को उनके साथ लंदन जाने की स्वीकृति दें, जहां शरीफ हृदय की शल्य चिकित्सा कराने वाले थे।
1995 के एक मामले में शरीफ रेलमंत्री के रूप में अपनी निजी यात्रा के दौरान सरकारी कर्मचारियों को अपने साथ लंदन ले जाने के लिए भ्रष्टाचार के आरोपी बनाए गए थे।
न्यायमूर्ति पी सथशिवम और रंजना गोगोई की पीठ ने कार्यवाही खारिज करते हुए कहा कि यह मामला इस तरह की किसी भ्रष्ट या अवैध गतिविधि से नहीं जुड़ा है, जिसमें उन्हें कोई आर्थिक लाभ हुआ हो। शरीफ, पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के दौरान रेलमंत्री थे।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आरोप लगाया कि शरीफ ने सार्वजनिक क्षेत्र के दो उपक्रमों के प्रबंध निदेशकों पर इस बात के लिए दबाव बनाया कि वे अपने चार कर्मचारियों को उनके साथ लंदन जाने की स्वीकृति दें, जहां शरीफ हृदय की शल्य चिकित्सा कराने वाले थे।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं