
जेपी इन्फ्राटेक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नए दिशानिर्देश जारी किए हैं (प्रतीकात्मक फोटो)
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कोर्ट ने दिवाला प्रकिया में लगी रोक में किया संशोधन
जेपी इन्फ्राटेक मामला आईआरपी को सौंप दिया
यह फ्लैट बायर्स के लिए योजना तैयार कर कोर्ट को सौंपेगी
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जेपी समूह की बिल्डर कंपनी जेपी इन्फ्राटेक को लेकर आईडीबीआई बैंक की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई. बैंक ने सुप्रीम कोर्ट में जेपी समूह की बिल्डर कंपनी जेपी इन्फ्राटेक को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के आदेश पर संशोधन की मांग की है. उसकी ओर से कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है, उससे फ्लैट खरीदारों को नही बल्कि जेपी इन्फ्रा को फ़ायदा हुआ है.
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बैंक की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि कल के आदेश के बाद अगर कोई चैन से सोया होगा तो वो जेपी इन्फ्राटेक होगा. साथ ही ये भी कहा कि जेपी इन्फ्राटेक को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक के बाद सारा प्रोजेशन वापस जेपी इन्फ्राटेक के पास चला गया. उन्होंने मांग की कि NCLT के आदेश को बहाल किया जाना चाहिए क्योंकि जेपी इन्फ्राटेक को टेकओवर कर लिया गया और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वापस कंपनी जेपी के पास चली गई.
वीडियो : असमंजस में हैं जेपी के हजारों फ्लैट खरीदार
दरअसल 7 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने जेपी समूह की बिल्डर कंपनी जेपी इन्फ्राटेक को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी. इस मामले में सोमवार को सुनवाई करते हुए नैशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल के आदेश पर रोक लगाने का आदेश दिया है. इससे नोएडा और ग्रेटर नोएडा के करीब 32,000 फ्लैट खरीददारों को राहत मिली है, जिन्होंने कंपनी की परियोजनाओं में निवेश किया था.
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