नई दिल्ली:
मुंबई में मीट की बिक्री पर से रोक हटाने वाले बांबे हाइकोर्ट के आदेश पर स्टे लगाने से आज सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट से 6 महीने में मामला निपटाने को कहा। दरअसल, श्री तपागचिया आत्मा कमल लब्धीसुरीशवरजी ज्ञानमंदिर ट्रस्ट ने बांबे हाइकोर्ट के आदेश पर रोक की मांग की थी।
उल्लेखनीय है कि जैन समुदाय के पर्यूषण पर्व को लेकर मीट पर चार दिन के बैन के खिलाफ मटन कारोबारियों ने बांबे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। पिछले हफ्ते विरोध और नाराजगी के बीच मीट पर बैन को चार दिन से घटाकर सिर्फ एक दिन 17 सितंबर के लिए कर दिया गया था।
हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते कहा था कि मुंबई एक मेट्रोपोलिटन शहर है। मांस की बिक्री पर इस तरह का सीधा प्रतिबंध फॉर्मूला नहीं हो सकता। पैकेज्ड मीट के बारे में क्या है, जो पहले से ही बाजार में उपलब्ध है।
इस बैन का विपक्ष ही नहीं, सत्ताधारी बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने भी विरोध किया था। विपक्षी कांग्रेस और एनसीपी के अलावा बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने आरोप लगाया कि 2017 के स्थानीय निकाय चुनावों को ध्यान में रखकर बीजेपी जैन समुदाय की तुष्टिकरण की कोशिश कर रही है। पर्यूषण के दौरान मीट पर बैन 1994 में शुरू हुआ था और उस समय कांग्रेस की सरकार थी। अधिकारियों ने बताया कि 10 साल बाद दो दिन के बैन को बढ़ाकर चार दिन कर दिया गया था, लेकिन असल में इसे कभी लागू नहीं किया गया।
उल्लेखनीय है कि जैन समुदाय के पर्यूषण पर्व को लेकर मीट पर चार दिन के बैन के खिलाफ मटन कारोबारियों ने बांबे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। पिछले हफ्ते विरोध और नाराजगी के बीच मीट पर बैन को चार दिन से घटाकर सिर्फ एक दिन 17 सितंबर के लिए कर दिया गया था।
हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते कहा था कि मुंबई एक मेट्रोपोलिटन शहर है। मांस की बिक्री पर इस तरह का सीधा प्रतिबंध फॉर्मूला नहीं हो सकता। पैकेज्ड मीट के बारे में क्या है, जो पहले से ही बाजार में उपलब्ध है।
इस बैन का विपक्ष ही नहीं, सत्ताधारी बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने भी विरोध किया था। विपक्षी कांग्रेस और एनसीपी के अलावा बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने आरोप लगाया कि 2017 के स्थानीय निकाय चुनावों को ध्यान में रखकर बीजेपी जैन समुदाय की तुष्टिकरण की कोशिश कर रही है। पर्यूषण के दौरान मीट पर बैन 1994 में शुरू हुआ था और उस समय कांग्रेस की सरकार थी। अधिकारियों ने बताया कि 10 साल बाद दो दिन के बैन को बढ़ाकर चार दिन कर दिया गया था, लेकिन असल में इसे कभी लागू नहीं किया गया।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं