अन्नाद्रमुक (AIADMK) से निष्कासित नेता वीके शशिकला (Sasikala) को यहां के एक अस्पताल से रविवार को छुट्टी दे दी गई. कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. शशिकला को आय से अधिक संपत्ति के मामले में चार वर्ष कैद की सजा पूरी करने के बाद बुधवार को जेल से रिहा कर दिया गया था. तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत जे जयललिता (J Jayalalithaa) की करीबी सहयोगी शशिकला ने बेहद स्पष्ट संदेश देते हुए अन्नाद्रमुक का झंडा लगी हुई कार से अस्पताल से बाहर निकलीं. पार्टी से निष्कासित होने के बाद शशिकला के इस कदम पर सत्तारूढ़ दल सवाल उठा रहा है.
अन्नाद्रमुक कई बार स्पष्ट कर चुका है कि 66 वर्षीय शशिकला को पार्टी में वापस नहीं लिया जाएगा और जेल से उनकी रिहाई का पार्टी पर कोई असर नहीं होगा. पार्टी ने के पलानीस्वामी को अन्नाद्रमुक की ओर से अगले चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है. गौरतलब है कि पलानीस्वामी और ओ पनीरसेल्वम ने अन्नद्रमुक के अपने-अपने धड़ों के विलय के बाद शशिकला और उनके भांजे टीटीवी दिनाकरण सहित अन्य लोगों को सितंबर 2017 में पार्टी से निकाल दिया था.
अन्नाद्रमुक ने ट्वीट किया कि शशिकला द्वारा पार्टी के झंडे का उपयोग गैरकानूनी है. पार्टी ने मत्स्य पालन मंत्री और वरिष्ठ नेता डी जयकुमार के हवाले से कहा, ‘‘शशिकला पार्टी की सदस्य नहीं हैं, ऐसे में वह पार्टी का झंडा कैसे लगा सकती हैं? यह कानून के खिलाफ है.''
इस मामले में शशिकला का बचाव करते हुए अम्मा मक्कल मुनेत्र कझगम के महासचिव दिनाकरण ने दावा किया, ‘‘वह (शशिकला) अन्नाद्रमुक की महासचिव हैं.'' गौरतलब है कि मार्च 2018 में दिनाकरण ने अन्नद्रमुक को वापस पाने के लक्ष्य से अम्मा मक्कल मुनेत्र कझगम का गठन किया था. दिनाकरण ने पत्रकारों से कहा कि पार्टी से उनके कथित निष्कसान और उससे जुड़े मामले फिलहाल तमिलनाडु की अदालत में लंबित हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपको पहले ही कह चुका हूं कि कानूनी लड़ाई (अन्नाद्रमुक को वापस पाने की) जारी रहेगी.''
दिनाकरण ने कहा कि अम्मा मक्कल मुनेत्र कझगम का लक्ष्य ही लोकतांत्रिक तरीके से अन्नाद्रमुक को प्राप्त करना था और ‘तियाग तलाइवी चिन्नामा' (बलिदानी नेता, छोटी अम्मा) पार्टी को वापस पाने का कानूनी प्रयास जारी रखेंगी. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की सलाह के अनुसार, चेन्नई जाने से पहले वह यहीं रुकेंगी और एक सप्ताह आराम करेंगी.
राजनीतिक विश्लेषक सुमंत रमण ने ट्वीट किया है, ‘‘शशिकला का अन्नाद्रमुक का झंडा लगी हुई कार में अस्पताल से बाहर आना, उनकी मंशा का स्पष्ट संदेश देता है.'' अस्पताल से छुट्टी मिलने के तुरंत बाद शशिकला उत्तरी बेंगलुरु के दवनहाली स्थित नंदी हिल्स पहुंचीं. शशिकला को न्यायिक हिरासत के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद विक्टोरिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति के मामले में चार साल कैद की सजा काटने के बाद कारागार अधिकारियों ने शशिकला को 27 जनवरी को औपचारिक रूप से रिहा किया था. स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि शशिकला चिकित्सकों की सलाह के अनुसार अस्पताल में थीं और जांच रिपोर्ट में उनके संक्रमणमुक्त होने की पुष्टि के बाद उन्हें रविवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. शशिकला जब अस्पताल से निकलीं, तो उनके समर्थकों की भीड़ ने उनका स्वागत किया.
चार वर्ष की जेल की सजा पूरी करने के बाद रिहा हुईं वी के शशिकला
पुलिस ने बताया कि इलाके में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए 300 से अधिक पुलिकर्मी तैनात किए गए. शशिकला की रिहाई ऐसे समय में हुई है, जब तमिलनाडु में अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.
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