
मेधा पाटकर (फाइल फोटो)
भोपाल:
'नर्मदा बचाओ आंदोलन' की प्रमुख मेधा पाटकर ने नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई 122 मीटर से बढ़ाकर 139 मीटर करने की चल रही कवायद का विरोध करते हुए इसे व्यापमं से भी बड़ा घोटाला बताया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए मेधा ने कहा कि मध्य प्रदेश और गुजरात की सरकार साजिश रचकर सिर्फ औद्योगिक घरानों को फायदा पहुंचाने में लगी हैं।
मेधा पाटकर ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के प्रदेश सचिव बादल सरोज और किसान संघर्ष समिति के डॉ. सुनीलम की मौजूदगी में मंगलवार को पत्रकारों से कहा कि सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई 122 मीटर से बढ़ाकर 139 मीटर करने की कवायद चल रही है। इसके लिए बांध की दीवार ऊंची कर दी गई है और फाटक (गेट) लगाए जा रहे हैं। ऐसा होने पर मध्य प्रदेश के 214 किलो मीटर क्षेत्र में मौजूद 244 गांव और धनपुरी कस्बे के डूब जाने का खतरा है। इससे 40 से 45 हजार परिवारों का जीवन संकट में पड़ जाएगा।
पाटकर ने कहा कि गुजरात के लाभ के लिए बांध की ऊंचाई बढ़ाई जा रही है और इससे मध्य प्रदेश को एक बूंद पानी भी नहीं मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि नुकसान मध्य प्रदेश के खाते में आने वाला है, मगर मुख्यमंत्री शिवराज कुछ भी नहीं बोल रहे हैं, बल्कि उनकी सरकार व नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की तरफ से अदालत में झूठे हलफनामे पेश किए जा रहे हैं।
पाटकर ने कहा कि गुजरात ने सरदार सरोवर बांध से प्रभावित हुए लोगों के पुर्नवास के लिए 23 सौ करोड़ रुपये दिए थे, मगर उसमें भी हजार करोड़ का घोटाला हो गया है। 2143 परिवारों को पात्रता के बावजूद जमीन नहीं दी गई है। इसके अलावा 54 गांवों को डूब क्षेत्र के दायरे से बाहर घोषित कर दिया गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश और गुजरात सरकार साजिश रचकर औद्योगिक घरानों- अडाणी, अंबानी और कार उद्योग को फायदा पहुंचा रही हैं। कोका कोला को मध्य प्रदेश का 30 लाख लीटर पानी प्रतिदिन दिया जा रहा है। वहीं नैनो कार उद्योग को 60 लाख लीटर पानी प्रतिदिन नर्मदा से मिल रहा है। इसके अलावा नहर के किनारे की सिंचित जमीन भी उद्योगों को दी जा रही है।
पाटकर ने बताया कि बडवानी जिले के राजघाट में 12 अगस्त से बांध प्रभावितों का सत्याग्रह चल रहा है। 12 सितंबर को जन अदालत बुलाई गई है, जिसमें चार सेवानिवृत्त न्यायाधीश मौजूद रहेंगे। मेधा ने मुख्यमंत्री शिवराज और प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया है कि वे नर्मदा घाटी का हवाई दौरा नहीं करें, बल्कि सड़क से जाकर देखें, तभी उन्हें हकीकत का पता चलेगा।
मेधा पाटकर ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के प्रदेश सचिव बादल सरोज और किसान संघर्ष समिति के डॉ. सुनीलम की मौजूदगी में मंगलवार को पत्रकारों से कहा कि सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई 122 मीटर से बढ़ाकर 139 मीटर करने की कवायद चल रही है। इसके लिए बांध की दीवार ऊंची कर दी गई है और फाटक (गेट) लगाए जा रहे हैं। ऐसा होने पर मध्य प्रदेश के 214 किलो मीटर क्षेत्र में मौजूद 244 गांव और धनपुरी कस्बे के डूब जाने का खतरा है। इससे 40 से 45 हजार परिवारों का जीवन संकट में पड़ जाएगा।
पाटकर ने कहा कि गुजरात के लाभ के लिए बांध की ऊंचाई बढ़ाई जा रही है और इससे मध्य प्रदेश को एक बूंद पानी भी नहीं मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि नुकसान मध्य प्रदेश के खाते में आने वाला है, मगर मुख्यमंत्री शिवराज कुछ भी नहीं बोल रहे हैं, बल्कि उनकी सरकार व नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की तरफ से अदालत में झूठे हलफनामे पेश किए जा रहे हैं।
पाटकर ने कहा कि गुजरात ने सरदार सरोवर बांध से प्रभावित हुए लोगों के पुर्नवास के लिए 23 सौ करोड़ रुपये दिए थे, मगर उसमें भी हजार करोड़ का घोटाला हो गया है। 2143 परिवारों को पात्रता के बावजूद जमीन नहीं दी गई है। इसके अलावा 54 गांवों को डूब क्षेत्र के दायरे से बाहर घोषित कर दिया गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश और गुजरात सरकार साजिश रचकर औद्योगिक घरानों- अडाणी, अंबानी और कार उद्योग को फायदा पहुंचा रही हैं। कोका कोला को मध्य प्रदेश का 30 लाख लीटर पानी प्रतिदिन दिया जा रहा है। वहीं नैनो कार उद्योग को 60 लाख लीटर पानी प्रतिदिन नर्मदा से मिल रहा है। इसके अलावा नहर के किनारे की सिंचित जमीन भी उद्योगों को दी जा रही है।
पाटकर ने बताया कि बडवानी जिले के राजघाट में 12 अगस्त से बांध प्रभावितों का सत्याग्रह चल रहा है। 12 सितंबर को जन अदालत बुलाई गई है, जिसमें चार सेवानिवृत्त न्यायाधीश मौजूद रहेंगे। मेधा ने मुख्यमंत्री शिवराज और प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया है कि वे नर्मदा घाटी का हवाई दौरा नहीं करें, बल्कि सड़क से जाकर देखें, तभी उन्हें हकीकत का पता चलेगा।
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