एनडीटीवी से बात करते हुए हरीश दुलानी की फाइल फोटो
जोधपुर:
दो चिंकारा का शिकार करने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा अभिनेता सलमान खान को बरी किए जाने के दो दिन बाद मामले के एक मुख्य गवाह ने राज्य के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया से पुलिस की सुरक्षा मुहैया कराने की अपील की है.
मुख्य गवाह हरीश दुलानी ने गृह मंत्री को एक पत्र लिखा है, जिसमें उसने कहा है कि उसे और उसके परिवार वालों को अज्ञात व्यक्तियों की ओर से जान का खतरा है और उसे तथा उसके परिवार को पुलिस की सुरक्षा मुहैया कराई जाए.
अपने वकील अनिल गौर के जरिये कटारिया को भेजे गए पत्र में दुलानी ने कहा कि सलमान को बरी किए जाने के हाईकोर्ट के आदेश के बाद से कुछ अज्ञात लोग उसके और उसके घर के आसपास देखे गए हैं और ये लोग उस पर तथा उसके परिवार वालों पर नजर रख रहे हैं.
पत्र में दुलानी ने कहा है कि वह सलमाान के खिलाफ मामले का मुख्य गवाह है और अदालत में मुख्य जिरह होने के बाद से उसके परिवार को धमकियां मिलने लगीं. इसके बाद वह कुछ समय के लिए जोधपुर से कहीं दूसरी जगह चला गया था.
दुलानी ने पत्र में कहा है 'फिर मैं किसी को कुछ बताए बिना कुछ समय के लिए जोधपुर से चला गया. जब से हाईकोर्ट का फैसला आया है, तब से मुझे उन अज्ञात व्यक्तियों द्वारा लगातार धमकियां दी जा रही हैं, जो लोग मुझ पर और मेरे परिवार वालों पर निगरानी रख रहे हैं.'
पत्र में दुलानी ने यह भी कहा है कि किसी स्थायी नौकरी का सहारा न होने के कारण उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है और वह छोटे मोटे काम कर गुजारा करता हैं. तनाव के कारण उसके लिए छोटा मोटा काम हासिल करना भी मुश्किल है.
गौर का कहना है कि निचली अदालत का फैसला आने के बाद और झूठा प्रमाण देने के लिए 18 अप्रैल, 2006 को नोटिस मिलने के बाद दुलानी ने उसे वकील नियुक्त किया. 'तब से वह इस मामले की सुनवाई में नियमित पेश हुआ है. उसकी अनुपस्थिति बहुत ही कम रही, लेकिन खान के खिलाफ मामले में उसने किसी धमकी का जिक्र नहीं किया था.'
जोधपुर में 1998 में दुलानी सलमान खान की जीप चला रहा था, जब अभिनेता ने कथित तौर पर चिंकारा का शिकार किया था. दुलानी का कहना है कि जान से मार डालने की धमकी मिलने के कारण वह पहले सामने नहीं आया था.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मुख्य गवाह हरीश दुलानी ने गृह मंत्री को एक पत्र लिखा है, जिसमें उसने कहा है कि उसे और उसके परिवार वालों को अज्ञात व्यक्तियों की ओर से जान का खतरा है और उसे तथा उसके परिवार को पुलिस की सुरक्षा मुहैया कराई जाए.
अपने वकील अनिल गौर के जरिये कटारिया को भेजे गए पत्र में दुलानी ने कहा कि सलमान को बरी किए जाने के हाईकोर्ट के आदेश के बाद से कुछ अज्ञात लोग उसके और उसके घर के आसपास देखे गए हैं और ये लोग उस पर तथा उसके परिवार वालों पर नजर रख रहे हैं.
पत्र में दुलानी ने कहा है कि वह सलमाान के खिलाफ मामले का मुख्य गवाह है और अदालत में मुख्य जिरह होने के बाद से उसके परिवार को धमकियां मिलने लगीं. इसके बाद वह कुछ समय के लिए जोधपुर से कहीं दूसरी जगह चला गया था.
दुलानी ने पत्र में कहा है 'फिर मैं किसी को कुछ बताए बिना कुछ समय के लिए जोधपुर से चला गया. जब से हाईकोर्ट का फैसला आया है, तब से मुझे उन अज्ञात व्यक्तियों द्वारा लगातार धमकियां दी जा रही हैं, जो लोग मुझ पर और मेरे परिवार वालों पर निगरानी रख रहे हैं.'
पत्र में दुलानी ने यह भी कहा है कि किसी स्थायी नौकरी का सहारा न होने के कारण उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है और वह छोटे मोटे काम कर गुजारा करता हैं. तनाव के कारण उसके लिए छोटा मोटा काम हासिल करना भी मुश्किल है.
गौर का कहना है कि निचली अदालत का फैसला आने के बाद और झूठा प्रमाण देने के लिए 18 अप्रैल, 2006 को नोटिस मिलने के बाद दुलानी ने उसे वकील नियुक्त किया. 'तब से वह इस मामले की सुनवाई में नियमित पेश हुआ है. उसकी अनुपस्थिति बहुत ही कम रही, लेकिन खान के खिलाफ मामले में उसने किसी धमकी का जिक्र नहीं किया था.'
जोधपुर में 1998 में दुलानी सलमान खान की जीप चला रहा था, जब अभिनेता ने कथित तौर पर चिंकारा का शिकार किया था. दुलानी का कहना है कि जान से मार डालने की धमकी मिलने के कारण वह पहले सामने नहीं आया था.
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