
सलमान खान (फाइल फोटो)
- इस केस के अहम गवाह दुलानी कुछ महीने पहले सामने आए थे
- परिवार की सुरक्षा की गारंटी पर बयान देने को तैयार
- गवाह ने बताया था कि शिकार वाले दिन वही गाड़ी चला रहा था
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली/जयपुर:
चिंकारा शिकार मामले में फिल्मस्टार सलमान खान को हाईकोर्ट द्वारा बरी किए जाने को राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, और कोर्ट से आग्रह किया है कि वह बॉलावुड स्टार को सरेंडर करने के लिए कहें.
राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा
गौरतलब है कि 1998 में काला चिंकारा शिकार मामले का अहम गवाह हरीश दुलानी के सामने आने के बाद राजस्थान सरकार ने ऐलान किया था कि वह इस मामले में जोधपुर हाईकोर्ट के सलमान को बरी करने के आदेश को चुनौती देगी.
साथ ही राज्य सरकार ने यह फैसला भी किया था कि हरीश दुलानी की सुरक्षा भी करेगी और उसे 24 घंटे सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी.
बता दें कि कुछ महीने पहले सलमान खान के इस केस के अहम गवाह दुलानी सामने आए थे. उन्होंने बताया था कि यदि परिवार की सुरक्षा की गारंटी दी जाए तो वह अपना बयान दे सकता है. उन्होंने एक बार फिर बताया था कि सलमान खान के चिंकारा के शिकार करने वाले दिन वही गाड़ी चला रहा था.
दुलानी ने बताया था कि सलमान ने काला चिंकारा देखकर बंदूक निकाली. उन्होंने पहला फायर किया, लेकिन वह (चिंकारा) बच गया. उसके बाद उन्होंने दूसरा फायर किया और चिंकारा गोली लगने से घायल हो गया. वह गाड़ी से उतरकर गए और चाकू से उसका गला रेत दिया.
इस मामले में दुलानी ने कहा था कि मेरे पिता को धमकियां मिल रही थीं इसलिए मैं जोधपुर छोड़कर निकटवर्ती इलाके में चला गया था. यदि मुझे पुलिस संरक्षण मिला, तो मैं अपना बयान दे सकता हूं. मैं अभी भी अपने पूर्ववर्ती बयान पर कायम हूं कि उस चिंकारे को सलमान खान ने ही मारा था.
इससे पहले गवाह के अभाव में राजस्थान हाई कोर्ट ने निचली अदालत के उस फैसले को खारिज कर दिया था, जिसमें अभिनेता को पांच साल की सजा सुनाई गई थी. हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि यह बात साबित नहीं होती कि चिंकारे को सलमान ने अपनी लाइसेंसी गन से ही मारा था.
2006 में सलमान खान को चिंकारा मामले में निचली अदालत ने पांच साल की सजा सुनाई थी. उन्होंने एक सप्ताह जोधपुर की जेल में भी बिताए थे और उसके बाद उनको जमानत मिल गई थी.
राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा
- राजस्थान सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि हाईकोर्ट के फैसले पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाकर सुप्रीम कोर्ट निचली अदालत के फैसले को लागू करे और सलमान खान को सेरेंडर करने के आदेश दे ताकि वह बाकी सजा काट सकें.
- सलमान खान के पास केस के चश्मदीद जिप्सी ड्राइवर हरीश दुलानी से जिरह करने के पूरे मौके मौजूद थे, लेकिन उन्होंने जानबूझकर ऐसा नहीं किया.
- अब सुप्रीम कोर्ट में सलमान खान के खिलाफ दुलानी के बयान को मंजूर किया जाए.
- राजस्थान हाईकोर्ट ने दोनों निचली अदालतों की सहमति से सलमान खान को पांच साल की सजा के फैसले को रद्द करने में गलती की है.
- ट्रायल के दौरान मामूली विसंगतियों से पूरे मामले को हल्का नहीं किया जा सकता. हाईकोर्ट इस केस के पूरे हालात को देखने में नाकाम रहा है, जो बिना शक अभियोजन पक्ष द्वारा साबित करते हैं कि सलमान इस मामले में दोषी हैं.
- सलमान खान को निचली अदालत ने सबूतों के आधार पर दोषी ठहराया था, लेकिन हाईकोर्ट ने अति तकनीकी आधार पर फैसला दिया, जो कानून में कहीं नहीं ठहरता.
गौरतलब है कि 1998 में काला चिंकारा शिकार मामले का अहम गवाह हरीश दुलानी के सामने आने के बाद राजस्थान सरकार ने ऐलान किया था कि वह इस मामले में जोधपुर हाईकोर्ट के सलमान को बरी करने के आदेश को चुनौती देगी.
साथ ही राज्य सरकार ने यह फैसला भी किया था कि हरीश दुलानी की सुरक्षा भी करेगी और उसे 24 घंटे सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी.
बता दें कि कुछ महीने पहले सलमान खान के इस केस के अहम गवाह दुलानी सामने आए थे. उन्होंने बताया था कि यदि परिवार की सुरक्षा की गारंटी दी जाए तो वह अपना बयान दे सकता है. उन्होंने एक बार फिर बताया था कि सलमान खान के चिंकारा के शिकार करने वाले दिन वही गाड़ी चला रहा था.
दुलानी ने बताया था कि सलमान ने काला चिंकारा देखकर बंदूक निकाली. उन्होंने पहला फायर किया, लेकिन वह (चिंकारा) बच गया. उसके बाद उन्होंने दूसरा फायर किया और चिंकारा गोली लगने से घायल हो गया. वह गाड़ी से उतरकर गए और चाकू से उसका गला रेत दिया.
इस मामले में दुलानी ने कहा था कि मेरे पिता को धमकियां मिल रही थीं इसलिए मैं जोधपुर छोड़कर निकटवर्ती इलाके में चला गया था. यदि मुझे पुलिस संरक्षण मिला, तो मैं अपना बयान दे सकता हूं. मैं अभी भी अपने पूर्ववर्ती बयान पर कायम हूं कि उस चिंकारे को सलमान खान ने ही मारा था.
इससे पहले गवाह के अभाव में राजस्थान हाई कोर्ट ने निचली अदालत के उस फैसले को खारिज कर दिया था, जिसमें अभिनेता को पांच साल की सजा सुनाई गई थी. हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि यह बात साबित नहीं होती कि चिंकारे को सलमान ने अपनी लाइसेंसी गन से ही मारा था.
2006 में सलमान खान को चिंकारा मामले में निचली अदालत ने पांच साल की सजा सुनाई थी. उन्होंने एक सप्ताह जोधपुर की जेल में भी बिताए थे और उसके बाद उनको जमानत मिल गई थी.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
चिंकारा मामला, राजस्थान सरकार, सुप्रीम कोर्ट, सलमान खान, Rajasthan Government, Supreme Court, Poaching Case, Salman Khan