नई दिल्ली:
सरकार में मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के विवादित बयान और इस पर मुलायम सिंह यादव के विरोध के चलते लोकसभा मे हंगामे की स्थिति बन गई। इसके चलते लोकसभा 2 बजे तक स्थगित कर दी गई थी। बाद में कांग्रेस पार्टी ने मुलायम सिंह का साथ देते हुए अपने मंत्री के बयान पर सफाई दी और उसे खेदजनक बताया।
बेनी प्रसाद वर्मा ने एक विवादित बयान में मुलायम सिंह यादव पर आतंकियों को संरक्षण देने का गंभीर आरोप लगाया जिस पर समाजवादी पार्टी और मुलायम सिंह की तरफ से कड़ी आपत्ति जताई गई। इसे लेकर मुलायम ने सरकार से माफी, बेनी पर कार्रवाई और उन्हें मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की है।
वहीं, केंद्रीय मंत्री बेनीप्रसाद वर्मा द्वारा मुलायम सिंह यादव के खिलाफ की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी पर सपा सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार को एक बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
सपा सदस्यों के हंगामे के कारण उच्च सदन की बैठक पहले दोपहर दो बजकर करीब 10 मिनट पर तीन बजे तक के लिए और फिर तीन बजकर करीब पांच मिनट पर दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
भोजनावकाश के बाद दोपहर दो बजे बैठक शुरू होने पर सपा सदस्यों ने यह मुद्दा उठाया और वर्मा के इस्तीफे की मांग करने लगे।
सदन में पीठासीन अध्यक्ष ईएमएस नचियप्पन ने बजट पर हो रही चर्चा में भाग लेने के लिए जैसे ही भाजपा के एम वेंकैया नायडू का नाम पुकारा, सपा के नरेश अग्रवाल ने यह मुद्दा उठाना शुरू कर दिया।
अग्रवाल ने कहा कि सरकार के एक मंत्री ने सपा प्रमुख के खिलाफ टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि मुलायम के खिलाफ मंत्री की टिप्पणी बेहद अशोभनीय है और कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए कि मंत्री की टिप्पणी पर उसकी क्या राय है।
उन्होंने कहा कि इस टिप्पणी के लिए मंत्री माफी मांगें। सपा सदस्य ने इस मामले में प्रधानमंत्री के बयान की भी मांग की। इसके बाद सपा के सदस्य आसन के पास आ गए और वे नारेबाजी करने लगे।
बेनी प्रसाद वर्मा ने एक विवादित बयान में मुलायम सिंह यादव पर आतंकियों को संरक्षण देने का गंभीर आरोप लगाया जिस पर समाजवादी पार्टी और मुलायम सिंह की तरफ से कड़ी आपत्ति जताई गई। इसे लेकर मुलायम ने सरकार से माफी, बेनी पर कार्रवाई और उन्हें मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की है।
वहीं, केंद्रीय मंत्री बेनीप्रसाद वर्मा द्वारा मुलायम सिंह यादव के खिलाफ की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी पर सपा सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार को एक बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
सपा सदस्यों के हंगामे के कारण उच्च सदन की बैठक पहले दोपहर दो बजकर करीब 10 मिनट पर तीन बजे तक के लिए और फिर तीन बजकर करीब पांच मिनट पर दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
भोजनावकाश के बाद दोपहर दो बजे बैठक शुरू होने पर सपा सदस्यों ने यह मुद्दा उठाया और वर्मा के इस्तीफे की मांग करने लगे।
सदन में पीठासीन अध्यक्ष ईएमएस नचियप्पन ने बजट पर हो रही चर्चा में भाग लेने के लिए जैसे ही भाजपा के एम वेंकैया नायडू का नाम पुकारा, सपा के नरेश अग्रवाल ने यह मुद्दा उठाना शुरू कर दिया।
अग्रवाल ने कहा कि सरकार के एक मंत्री ने सपा प्रमुख के खिलाफ टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि मुलायम के खिलाफ मंत्री की टिप्पणी बेहद अशोभनीय है और कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए कि मंत्री की टिप्पणी पर उसकी क्या राय है।
उन्होंने कहा कि इस टिप्पणी के लिए मंत्री माफी मांगें। सपा सदस्य ने इस मामले में प्रधानमंत्री के बयान की भी मांग की। इसके बाद सपा के सदस्य आसन के पास आ गए और वे नारेबाजी करने लगे।
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