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This Article is From Jul 14, 2014

रामदेव के करीबी वेद प्रताप वैदिक की हाफिज सईद से मुलाकात पर संसद में हंगामा

नई दिल्ली:

पाकिस्तान के प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जमात उद दावा के प्रमुख और 26/11 मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ता हाफिज सईद के साथ योग गुरु बाबा रामदेव के करीबी समझे जाने वाले एक वरिष्ठ भारतीय पत्रकार की मुलाकात का मुद्दा आज संसद के दोनों सदनों में उठा और कांग्रेस सदस्यों ने पत्रकार की गिरफ्तारी तथा सरकार से इस पर जवाब दिए जाने की मांग की।

इस मुद्दे पर हुए हंगामे के कारण राज्यसभा में जहां प्रश्नकाल की कार्यवाही को दो बार स्थगित करना पड़ा तो वहीं लोकसभा में सदस्यों ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मसला बताया और विदेश मंत्री या गृह मंत्री से जवाब मांगा।

वहीं वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रताप वैदिक ने आज कांग्रेस के इन आरोपों को गलत बताया कि वह सरकार के दूत के रूप में हाफिज से मिले थे। वैदिक ने कहा कि वह ‘किसी के दूत नहीं है बल्कि स्वयं के दूत हैं। हाफिज से अपनी मुलाकात को सही बताते हुए उन्होंने कहा कि वह हर तरह के लोगों से मुलाकात करते हैं और यह उनके लिए ‘साधारण बात’ है।

उन्होंने कहा, दशकों से पाकिस्तान के पत्रकार मुझे जानते हैं। उन्होंने मुझे (सईद से मुलाकात) यह अवसर देने की पेशकश की और मैंने कहा कि ठीक है, मैं उनसे मिलूंगा। मेरे लिए यह कोई बड़ी बात नहीं है। यह एक साधारण-सी बात है। मेरे लिए यह एक सामान्य बैठक थी। मैं नेपाल के माओवादियों, अफगानिस्तान के तालिबान से... मिलता रहा हूं।

वैदिक ने ट्वीट किया, यदि वे इसे संसद में उठाते हैं तो यह अच्छा है, क्योंकि इससे न चाहते हुए भी मुझे पब्लिसिटी मिलेगी, लेकिन इससे कुछ निकलने वाला नहीं है। इस बीच रामदेव ने वैदिक के बचाव में उतरते हुए कहा कि इस वरिष्ठ पत्रकार ने संभवत: इस अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी का ‘हृदय परिवर्तन’ करने का प्रयास किया होगा। योग गुरु ने कहा, वह एक वरिष्ठ पत्रकार हैं और यदि किसी भी संदर्भ में वह किसी से मिलते हैं तो इसके पीछे जरूर कुछ कारण होगा।

उधर, सरकार का पक्ष रखते हुए राज्यसभा में सदन के नेता और रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कहा, जहां तक भारत और भारत सरकार का सवाल है तो हाफिज सईद एक आतंकवादी है और उसने भारत के खिलाफ आतंकवाद की साजिशें रची हैं। जेटली ने कहा कि किसी भी पत्रकार की सईद के साथ मुलाकात से भारत सरकार का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है और सरकार ने किसी भी हैसियत से किसी को भी सईद से मुलाकात करने की अनुमति नहीं दी थी। हंगामे की वजह से उच्च सदन में प्रश्नकाल नहीं हो पाया।

सदन की बैठक शुरू होते ही कांग्रेस के सदस्यों ने वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रताप वैदिक की पाकिस्तान में सईद से मुलाकात का मुद्दा उठाया। कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने सदन के नेता अरुण जेटली से जानना चाहा कि क्या सरकार ने इस मुलाकात की अनुमति दी थी।

पार्टी के नेता और पूर्व वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ मुद्दा है और इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि जमात उद दावा का प्रमुख सईद न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में सर्वाधिक वांछित आतंकवादी है।

आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि ऐसा क्यों हुआ और इसके बाद क्या कार्रवाई की गई। उनकी पार्टी के अन्य सदस्यों ने उनका समर्थन किया और वैदिक की गिरफ्तारी की मांग की। सभापति हामिद अंसारी ने बिना नोटिस के सदस्यों को मुद्दा उठाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया।

कांग्रेस सदस्य जेटली के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और कहा कि वैदिक भाजपा के एक करीबी संगठन के प्रमुख सदस्य हैं।

शर्मा ने सरकार से स्पष्टीकरण की मांग करते हुए कहा कि यह अत्यंत गंभीर मुद्दा है और इसे हल्के तौर पर नहीं लिया जा सकता। उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार को इस बात की जानकारी थी कि वरिष्ठ पत्रकार ने पाक में सईद से मुलाकात की और क्या उन्हें इसके लिए अनुमति दी गई थी।

उन्होंने सवाल किया एक भारतीय नागरिक को सईद से मिलने की अनुमति कैसे दी गई। सरकार अब क्या कार्रवाई कर रही है। वैदिक की गिरफ्तारी की मांग करते हुए शर्मा ने कहा क्या सरकार को इस मुलाकात की जानकारी थी और क्या सरकार ने पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग से कोई रिपोर्ट तलब की। सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आश्चर्य की बात है कि वैदिक ने दावा किया है कि वह मध्यस्थता मिशन पर गए थे। यह स्पष्ट होना चाहिए कि वह किसके मध्यस्थ थे और उन्हें किसने भेजा था।

सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि उनकी (वैदिक की) इस मुलाकात से सरकार का कोई लेना देना नहीं है।

इस पर कांग्रेस की अंबिका सोनी ने कहा कि सरकार अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती। उसे स्पष्टीकरण देना ही होगा।

उधर, लोकसभा में कांग्रेस के के सी वेणुगोपाल ने सरकार से जानना चाहा कि ऐसे आतंकवादी से मुलाकात के लिए क्या वैदिक ने सरकार से अनुमति ली थी। सरकार को इसका स्पष्ट जवाब देना चाहिए। उन्होंने गृह मंत्री से जवाब की मांग करते हुए कहा कि यह देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़ा मसला है। आरएसपी के एन के प्रेमाचंद्रन ने भी यह मामला उठाया। कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी कहा कि इस मामले में विदेश मंत्री को हस्तक्षेप करना चाहिए।

कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से अपील की कि वह इस मसले पर जवाब देने के लिए सरकार को निर्देश दें। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को जवाब देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।

समझा जाता है कि स्वतंत्र पत्रकार वैदिक ने 2 जुलाई को पाकिस्तान में सईद से मुलाकात की थी। इस मुलाकात से खासा विवाद उठ गया और कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भाजपा से वैदिक की कथित नजदीकी का मुद्दा भी उठाया।

इससे पहले दिन में दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया वैदिक सईद से मिले। सोशल मीडिया पर कोई प्रतिक्रिया ? क्या वह राजग के दूत के तौर पर गए थे या प्रधानमंत्री के निजी दूत के तौर पर? पाक स्थित लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक और जमात उद दावा के प्रमुख सईद पर भारत ने वर्ष 2008 में हुए मुंबई हमलों सहित देश में विभिन्न आतंकी हमलों की साजिश रचने का आरोप लगाया है। मुंबई हमलों में 166 लोग मारे गए थे।

भारत की सर्वाधिक वांछित आतंकियों की सूची में शामिल सईद पर अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर का इनाम रखा है।

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