रोहतक:
रोहतक के करोंथा गांव में स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है जहां एक आश्रम में रविवार को दो गुटों के बीच हुए संघर्ष में तीन लोग मारे गए और करीब 100 अन्य घायल हो गए थे।
मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कल हुई हिंसा की जांच मजिस्ट्रेट से कराने के आदेश दिए हैं।
करोंथा गांव में सतलोक आश्रम के समीप कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सीआरपीएफ के करीब 500 जवानों को भेजा गया है।
हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने का आग्रह किया है।
उन्होंने अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट से पूरे मामले की मजिस्ट्रेट से जांच कराने के आदेश भी दिए हैं।
रोहतक के पुलिस महानिरीक्षक अनिल राव ने बताया ‘करोंथा गांव में स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है। यहां सतलोक आश्रम के समीप कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सीआरपीएफ की पांच कंपनियां तैनात की गई हैं। मुद्दे के हल की कोशिश जारी है। डीआईजी खुद घटना पर नजर रखे हुए हैं।’
उन्होंने बताया कि हिंसा में मरने वालों की संख्या तीन हो गई है क्योंकि एक घायल ने कल शाम दम तोड़ दिया।
यहां से 10 किलोमीटर दूर करोंथा गांव में रामपाल की अगुवाई वाले सतलोक आश्रम पर अधिकार को लेकर चल रहे विवाद ने कल उस समय हिंसक रूप ले लिया जब पुलिसकर्मियों ने आर्य प्रतिनिधि सभा (एपीएस) के सदस्यों को आश्रम की ओर जाने से रोका।
नाराज लोगों ने चार सरकारी वाहनों को आग लगा दी जिनमें से तीन हरियाणा राज्य परिवहन निगम की बसें और एक एंबुलेन्स थी। रोहतक झज्झर रोड पर आश्रम के समीप कुछ मोटरसाइकिलों को भी आग लगाई गई। भीड़ ने कुछ वाहनों की खिड़कियों के शीशे तोड़ डाले। आश्रम को लेकन तनाव चल रहा है क्योंकि आर्य समाजी दावा करते हैं कि डेरा का स्वामित्व अवैध है और उसकी मौजूदगी से शांति पर असर पड़ रहा है।
आश्रम के अनुयायियों ने अदालत में एक याचिका दाखिल की है। पूर्व में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था और प्रशासन से डेरा के अनुयाइयों को सुरक्षा प्रदान करने को कहा था।
हाल ही में आर्य समाजियों और ग्रामीणों की एक बैठक हुई जिसमें घोषणा की गई थी वह वर्तमान स्थल पर डेरा के कामकाज का विरोध करेंगे। उन्होंने धमकी भी दी कि वे आश्रम के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ेंगे।
हरियाणा के पुलिस महानिदेशक एसएन वशिष्ठ मौके पर मौजूद हैं। वरिष्ठ जिला और पुलिस अधिकारियों ने आज सुबह गांव के बुजुर्गों से मुलाकात कर शांति बनाए रखने का अनुरोध किया। रोहतक झज्झर राजमार्ग पर यातायात लगातार बाधित है।
सूत्रों के अनुसार, डीजीपी वशिष्ठ ने स्थिति को शांत करने के लिए रणनीति बनाने के उद्देश्य से रोहतक और झज्झर जिला के पुलिस अधिकारियों की आज सुबह बैठक बुलाई थी।
मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कल हुई हिंसा की जांच मजिस्ट्रेट से कराने के आदेश दिए हैं।
करोंथा गांव में सतलोक आश्रम के समीप कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सीआरपीएफ के करीब 500 जवानों को भेजा गया है।
हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने का आग्रह किया है।
उन्होंने अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट से पूरे मामले की मजिस्ट्रेट से जांच कराने के आदेश भी दिए हैं।
रोहतक के पुलिस महानिरीक्षक अनिल राव ने बताया ‘करोंथा गांव में स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है। यहां सतलोक आश्रम के समीप कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सीआरपीएफ की पांच कंपनियां तैनात की गई हैं। मुद्दे के हल की कोशिश जारी है। डीआईजी खुद घटना पर नजर रखे हुए हैं।’
उन्होंने बताया कि हिंसा में मरने वालों की संख्या तीन हो गई है क्योंकि एक घायल ने कल शाम दम तोड़ दिया।
यहां से 10 किलोमीटर दूर करोंथा गांव में रामपाल की अगुवाई वाले सतलोक आश्रम पर अधिकार को लेकर चल रहे विवाद ने कल उस समय हिंसक रूप ले लिया जब पुलिसकर्मियों ने आर्य प्रतिनिधि सभा (एपीएस) के सदस्यों को आश्रम की ओर जाने से रोका।
नाराज लोगों ने चार सरकारी वाहनों को आग लगा दी जिनमें से तीन हरियाणा राज्य परिवहन निगम की बसें और एक एंबुलेन्स थी। रोहतक झज्झर रोड पर आश्रम के समीप कुछ मोटरसाइकिलों को भी आग लगाई गई। भीड़ ने कुछ वाहनों की खिड़कियों के शीशे तोड़ डाले। आश्रम को लेकन तनाव चल रहा है क्योंकि आर्य समाजी दावा करते हैं कि डेरा का स्वामित्व अवैध है और उसकी मौजूदगी से शांति पर असर पड़ रहा है।
आश्रम के अनुयायियों ने अदालत में एक याचिका दाखिल की है। पूर्व में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था और प्रशासन से डेरा के अनुयाइयों को सुरक्षा प्रदान करने को कहा था।
हाल ही में आर्य समाजियों और ग्रामीणों की एक बैठक हुई जिसमें घोषणा की गई थी वह वर्तमान स्थल पर डेरा के कामकाज का विरोध करेंगे। उन्होंने धमकी भी दी कि वे आश्रम के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ेंगे।
हरियाणा के पुलिस महानिदेशक एसएन वशिष्ठ मौके पर मौजूद हैं। वरिष्ठ जिला और पुलिस अधिकारियों ने आज सुबह गांव के बुजुर्गों से मुलाकात कर शांति बनाए रखने का अनुरोध किया। रोहतक झज्झर राजमार्ग पर यातायात लगातार बाधित है।
सूत्रों के अनुसार, डीजीपी वशिष्ठ ने स्थिति को शांत करने के लिए रणनीति बनाने के उद्देश्य से रोहतक और झज्झर जिला के पुलिस अधिकारियों की आज सुबह बैठक बुलाई थी।
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