
राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक निजी कंपनी ने अपने कार्यालय को कोविड-19 संक्रमण मुक्त रखने के लिये सात रोबोट की मदद लेने के साथ साथ अन्य तकनीकों का उपयोग का प्रयास किया है. कोरोना वायरस संक्रमण के कारण जिंदगी पर बढ़ते खतरे को देखते हुए इस कंपनी ने कार्यालय में लगभग सभी जगहों पर मानवीय स्पर्श को रोकने का प्रयास किया है. प्रवेश द्वार पर आगंतुकों का स्वागत करने के लिये एक रोबोट सुरक्षा कर्मी को तैनात किया गया है. वह आगतुंकों के शरीर का तापमान लेने के लिये थर्मल स्कीनिंग करेगा और यदि आगंतुक ने मास्क नहीं पहन रखा होगा तो वह आवाज निकाल कर चेतावनी देगा. रोबोट को कंपनी के प्रवेश द्वार से जोडा गया है और प्रवेश द्वार तभी खुलेगा जब रोबोट सभी नियमों और प्रावधानों के अनुपालन से संतुष्ट होगा.
परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए जब सभी कार्यालयों ने बायोमैट्रिक उपस्थिति को रोक दिया है ऐसे में इस कंपनी ने चेहरे की पहचान के जरिये रोबोट को काम पर लगाया है. मनुष्य रूपी रोबोट कंपनी के कर्मचारी को एक ट्रे के जरिये फाईलों, अन्य दस्तावेजो और चाय नाश्ता भी पहुंचाने का काम करता है. कार्यालय के कर्मचारियों को अब दस्तावेजों की जांच के लिए अपने वरिष्ठ या सहयोगियों से संपर्क करने की आवश्यकता नहीं है. इससे कार्यालय के कर्मचारियों को संक्रमण की संभावना कम हो जाएगी.
कंपनी ने आने वाले दिनों में अपने कार्यालय में और अन्य कामों पर रोबोट को लगाने का लक्ष्य बनाया है. ये रोबोट बागवानी और अन्य आवश्यक सामान को कार्यालय परिसर के विभिन्न तलों पर पहुंचाने का काम करेगा. आर सी एंटरप्राइजेज के निदेशक रमेश चौधरी ने बताया कि इसका उद्देश्य सुरक्षा, स्वच्छता और शारीरिक दूरी को बढ़ावा देना है. दरवाजे, पंखें, एसी सभी स्वचालित हैं और सात रोबोट को शारीरिक दूरियां और स्वच्छता को बनाये रखने के लिये लगाया गया है.
रोबोट अपना काम करने के लिए कृत्रिम तरीके से विकसित बौद्धिक क्षमता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और इंटरनेट के जरिये वैचारिक क्षमता के ज्ञान (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) का उपयोग करता है. इसे जमीन पर लाइनों का पालन करने की आवश्यकता नहीं है और यह अपने आप ही संचालन कर सकता है. यह कथित रूप से लिफ्ट का उपयोग कर सकता है और किसी विशेष कर्मचारी तक पहुंच सकता है. जब इसमें बिजली की ताकत खत्म होने लगती है तो यह चार्जिंग पॉइंट की ओर बढ़ता है.
VIDEO: कोरोना संकट: बुलंदशहर के अस्पताल में रोबोट तैनात
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