रॉबर्ट वाड्रा के करीबी सहयोगी मनोज अरोड़ा ने सोमवार को दिल्ली की एक अदालत में आरोप लगाया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) विदेश में संपत्ति खरीद से जुड़े धन शोधन के एक मामले में उनके नियोक्ता रॉबर्ट वाड्रा को ‘‘झूठा फंसाने'' के लिए मजबूर कर रहा है. सोनिया गांधी के दामाद वाड्रा की मालिकाना कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी एलएलपी में कार्यरत अरोड़ा ने कहा कि उन्हें और उनकी पत्नी को जांच एजेंसी ने धमकाया है कि उन्हें सबक सिखाया जाएगा. अरोड़ा ने विशेष न्यायाधीश सुनील राणा के सामने अग्रिम जमानत याचिका में ये आरोप लगाए. न्यायाधीश मंगलवार को इस मामले में सुनवाई करेंगे. आपको बता दें कि दो दिन पहले ही ईडी ने अरोड़ा के खिलाफ बेमियादी गैरजमानती वारंट जारी करने का अनुरोध करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ इंटरपोल के जरिये रेड कार्नर नोटिस जारी करवाने के लिए इस वारंट की जरूरत है क्योंकि आशंका है कि वह देश छोड़कर भाग सकते हैं.
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एजेंसी की याचिका को भी मंगलवार को विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार के सामने सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है. ईडी ने आरोप लगाया कि अरोड़ा के खिलाफ पीएमएलए के तहत एक मामला दर्ज किया गया क्योंकि आयकर जांच के दौरान खुलासा हुआ कि फरार सैन्य डीलर संजय भंडारी द्वारा लंदन में एक संपत्ति खरीदी गई जो संपत्ति के असली मालिक नहीं थे, लेकिन इसके असली मालिक वाड्रा थे. जांच में आरोप लगाया गया कि 19 लाख पाउंड की लंदन स्थित संपत्ति 12, ब्रायनस्टोन स्क्वायर के मालिक वाड्रा हैं. ईडी के विशेष लोक अभियोजक नीतेश राणा ने दावा किया कि अरोड़ा इस मामले में अहम व्यक्ति हैं और उन्हें वाड्रा की विदेशी अघोषित संपत्तियों की जानकारी है और उनकी इन संपत्तियों के लिए कोष जुटाने में अहम भूमिका रही. अपने आवेदन में अरोड़ा ने दावा किया कि उनकी पत्नी इस मामले में पूछताछ के लिए एजेंसी के सामने पेश हुई और उसके जरिये, ईडी के अधिकारियों ने उन्हें वाड्रा को फंसाने की धमकी की.
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