अपने बयानों के लिए हमेशा चर्चा में रहने वाले बीजेपी के सांसद योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर खबरों की सुर्खियों में आ गए हैं। योगी आदित्यनाथ ने अपने ताजा बयान में कहा है कि मुस्लिम बहुल इलाकों में कोई सुरक्षित नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि दंगे वहीं होते हैं, जहां मुस्लिमों की आबादी ज्यादा होती है।
उन्होंने कहा कि अगर देश में दंगों का विश्लेषण किया जाए तो यह बात सामने आती है कि जहां मुस्लिमों की आबादी 10-20 प्रतिशत होती है, वहां सांप्रदायिक तनाव ज्यादा होता है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जहां मुस्लिमों की आबादी 40 फीसदी से ज्यादा होती है, वहां गैर-मुस्लिमों के लिए कोई जगह नहीं होती है, गैर-मुस्लिमों को या तो वहां से विस्थापित होने के लिए दबाव डाला जाता है या फिर उन्हें वहां से खदेड़ दिया जाता है। आदित्यनाथ ने कहा, हमें सच्चाई स्वीकार करनी होगी। मुझे लगता है कि अगर हम सच्चाई को कबूल नहीं करते हैं, तो यह हमारे देश के लोगों के साथ नाइंसाफी है। भारत में ऐसे इलाकों में जहां कहीं भी हिन्दू रह रहे हैं, वहां उनकी प्रतिष्ठा खतरे में है।
योगी ने कहा, यदि यूपी में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की निगरानी में विधानसभा उपचुनाव कराए जाते हैं तो भाजपा सभी सीटों पर जीत दर्ज करेगी। योगी के बयान पर विभिन्न दलों के नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ऐसे बयान देते रहते हैं, जिनसे सांप्रदायिक माहौल खराब हो...क्या चंद सीटों की खातिर देश के अंदर हिन्दू-मुस्लिों को लड़ाना जायज है।
हालांकि बीजेपी ने योगी आदित्यनाथ के बयान से खुद को किनारा करने की कोशिश की है। बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि ऐसा बयान नहीं दिया जाना चाहिए, क्योंकि भाजपा 'सबका साथ, सबका विकास' की बात में यकीन करती है। हाल ही में भाजपा आलाकमान ने योगी को यूपी उपचुनाव का प्रभारी बनाया है।
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