नई दिल्ली:
दिल्ली की एक अदालत ने वर्ष 2008 में हुए वोट के लिए नोट मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद रेवती रमन सिंह की कथित भूमिका पर पुलिस की क्लीन चिट को खारिज कर दिया है। अदालत ने सपा सांसद को तीन नवम्बर को पेश होने के लिए सम्मन जारी किया है। विशेष न्यायाधीश संगीता ढींगरा सहगल ने सपा नेता के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य बताते हुए उन्हें सम्मन जारी किया है। मंगलवार को उपलब्ध अदालत के फैसले में कहा गया, "इस बात के पर्याप्त सबूत हैं जो यह बताते हैं कि रेवती रमन सिंह प्रथम दृष्टया कथित आपराधिक साजिश के घटनाक्रमों के एक महत्वपूर्ण कड़ी और अंग थे।" ज्ञात हो कि इस मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा सपा नेता को क्लीन चिट दिए जाने के बाद अदालत ने यह फैसला दिया है। पुलिस ने गत 14 अक्टूबर को अदालत को बताया कि इस मामले में रेवती रमण सिंह की संलिप्तता बताने वाले कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं। उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों फग्गन सिंह कुलस्ते, महावीर भगौरा और अशोक अर्गल ने 22 जुलाई 2008 को विश्वास प्रस्ताव के पहले लोकसभा में नोटों की गड्डियां लहराई थीं। तीनों सांसदों ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार के पक्ष में मत देने के लिए उन्हें रिश्वत देने की कोशिश की गई।
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