भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने कार्यकाल पूरा होने से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उनका छह महीने के बाद कार्यकाल पूरा होना था, लेकिन उन्होंने अभी ही इस्तीफा दे दिया. उर्जित पटेल को आरबीआई का गवर्नर बनाए जाने के बाद दिसंबर 2016 में आचार्य को बैंक में डिप्टी गवर्नर के पद पर नियुक्त किया गया था. इसके बाद आरबीआई ने बयान जारी करके कहा, कुछ हफ़्तों पहले डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने आरबीआई को पत्र लिखकर कुछ निजी वजहों से 23 जुलाई के बाद इस पद पर नहीं बने रहने की बात कही थी. इस पत्र पर आरबीआई अब विचार कर कर रहा है.
न्यूजपेपर बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक आचार्य न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनेस इसी साल अगस्त में लौट रहे हैं, जबकि वह वहां अगले साल फरवरी में जाने वाले थे.
बता दें, आरबीआई की स्वायत्तता सहित कई मुद्दों पर सरकार के साथ बढ़ते मतभेदों के बीच उर्जित पटेल ने गवर्नर पद से दिसंबर 2018 में इस्तीफा दे दिया था. पटेल के इस्तीफे के बाद शक्तिकांत दास को गवर्नर नियुक्त किया गया था.
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बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, आरबीआई के एक अन्य गवर्नर एनएस विश्वनाथन का जुलाई महीने के पहले सप्ताह में कार्यकाल खत्म होना था, लेकिन उनके कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है. आरबीआई के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर मिशेल पात्रा, प्रिंसिपल इकॉनोमिक एडवाइजर संजीव सान्याल को आचार्य की जगह आरबीआई का गवर्नर बनाया जा सकता है.
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