शहजादे नहयान की शादी सबसे महंगी मानी जाती है.
नई दिल्ली:
इस बार गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नहयान हैं. 55 वर्षीय नहयान अबू धाबी के क्राउन प्रिंस हैं और यूएई की सशस्त्र सेनाओं के डिप्टी सुप्रीम कमांडर हैं. वह अबू धाबी के शासक और यूएई के संस्थापक राष्ट्रपति शेख जायेद बिन सुल्तान अल नहयान के तीसरे पुत्र हैं. अबू धाबी, संयुक्त अरब अमीरात(यूएई) की राजधानी है. भारत और यूएई के प्रगाढ़ होते रिश्तों के बीच नहयान पिछले एक साल में दूसरी बार भारत के दौरे पर आए हैं.
वैसे नहयान पहली बार अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों का सबब 1981 में उस वक्त बने जब उनका निकाह शहजादी सलामा बिंत हमदान से हुआ था. वह शादी इतनी खर्चीली थी कि इतिहास में अब तक की सर्वाधिक महंगी शादियों में शुमार की जाती है. माना जाता है कि उस शादी में तकरीबन 100 मिलियन डॉलर (तकरीबन सात अरब रुपये) खर्च हुए थे. (तीसरी बार गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम, फिर भी संघर्ष कर रहे हैं विनोद)
उस शाही शादी का समारोह सात दिन तक चला था. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक नहयान के पिता ने शादी के दौरान 20 हजार मेहमानों के बैठने और रुकने के लिए एक विशेष स्टेडियम बनाने का ऑर्डर दिया था. शादी के दौरान राजकुमार ने शाही परंपरा के अनुरूप दान के रूप में अपनी जनता को उपहार दिए थे. यह भी कहा जाता है कि उनकी दुल्हन को तोहफे के रूप में जो गहने मिले थे, उनको 20 ऊंटों पर लादकर लाया गया था. सर्वाधिक महंगी शादी होने के चलते इसको गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान दिया गया.
उल्लेखनीय है कि हालिया वर्षों में भारत और यूएई के संबंध मजबूत हुए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में वहां का दौरा किया था. नहयान की इस यात्रा के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को गति प्रदान करने के प्रयासों के तहत रणनीतिक साझेदारी संधि के अलावा रक्षा, सुरक्षा, व्यापार एवं ऊर्जा जैसे अहम क्षेत्रों में 14 समझौतों पर दस्तखत हुए हैं. हालांकि यूएई ने 75 अरब डॉलर के निवेश कोष का जो वादा किया है, वह करार इन 14 समझौतों में शामिल नहीं है. भारत को इस निवेश कोष संधि की उम्मीद थी.
वैसे नहयान पहली बार अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों का सबब 1981 में उस वक्त बने जब उनका निकाह शहजादी सलामा बिंत हमदान से हुआ था. वह शादी इतनी खर्चीली थी कि इतिहास में अब तक की सर्वाधिक महंगी शादियों में शुमार की जाती है. माना जाता है कि उस शादी में तकरीबन 100 मिलियन डॉलर (तकरीबन सात अरब रुपये) खर्च हुए थे. (तीसरी बार गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम, फिर भी संघर्ष कर रहे हैं विनोद)
उस शाही शादी का समारोह सात दिन तक चला था. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक नहयान के पिता ने शादी के दौरान 20 हजार मेहमानों के बैठने और रुकने के लिए एक विशेष स्टेडियम बनाने का ऑर्डर दिया था. शादी के दौरान राजकुमार ने शाही परंपरा के अनुरूप दान के रूप में अपनी जनता को उपहार दिए थे. यह भी कहा जाता है कि उनकी दुल्हन को तोहफे के रूप में जो गहने मिले थे, उनको 20 ऊंटों पर लादकर लाया गया था. सर्वाधिक महंगी शादी होने के चलते इसको गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान दिया गया.
उल्लेखनीय है कि हालिया वर्षों में भारत और यूएई के संबंध मजबूत हुए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में वहां का दौरा किया था. नहयान की इस यात्रा के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को गति प्रदान करने के प्रयासों के तहत रणनीतिक साझेदारी संधि के अलावा रक्षा, सुरक्षा, व्यापार एवं ऊर्जा जैसे अहम क्षेत्रों में 14 समझौतों पर दस्तखत हुए हैं. हालांकि यूएई ने 75 अरब डॉलर के निवेश कोष का जो वादा किया है, वह करार इन 14 समझौतों में शामिल नहीं है. भारत को इस निवेश कोष संधि की उम्मीद थी.
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शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयान, संयुक्त अरब अमीरात, यूएई, भारत-यूएई संधि, Sheikh Mohammed Bin Zayed Al Nahyan, United Arab Emirates, India-UAE, India-UAE Ties