अधिकारियों ने कहा कि ब्रिटिश स्टाइल की कुर्सियां, लाइट और पानी की निकासी से जुड़े नए रास्ते तैयार हैं. हालांकि, पिछले दिनों हुई बारिश के चलते काम धीमा पड़ गया है.
हालांकि, अभी 8 दिन का समय बचा हुआ है. सड़क को बराबर यानी समतल किया जा रहा है. मजदूर कड़ी मेहनत से अपने काम में लगे हुए हैं. जब एनडीटीवी ने इलाके का दौरा किया तो पाया कि कालीन और सफाई का काम चल रहा था.
अधिकारियों का कहना है कि राष्ट्रपति सलामी के लिए पाथ-वे का एक हिस्सा तैयार नहीं है. नए टॉयलेट ब्लॉक और पाथ-वे का काम 26 जनवरी तक पूरा नहीं हो पाएगा.
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केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सेंट्रल विस्टा परियोजना के कामों की समीक्षा की. साथ ही नवविकसित राजपथ की तस्वीरें भी ट्विटर पर साझा कीं, जो राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक सेंट्रल विस्टा परियोजना क्षेत्र के अंतर्गत आता है.
पुरी ने ट्वीट कर कहा, ''परियोजना की प्रगति की समीक्षा के लिए सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का दौरा किया. पिछले दिनों हुई अप्रत्याशित बारिश और ओमिक्रॉन के मौजूदा प्रकोप के बावजूद परियोजना का कार्य समयबद्ध तरीके से प्रगति पर है.''
शहरी विकास मंत्रालय के सचिलव मनोज जोशी ने एनडीटीवी से कहा, "सारा काम पटरी पर है. हम राजपथ को 26 जनवरी तक तैयार कर लेंगे."
गणतंत्र दिवस की परेड देखने के लिए राजपथ पर इस बार करीब 24,000 लोगों के उपस्थित रहने की उम्मीद है. कोविड महामारी के चलते गणतंत्र दिवस समारोह में कोई मुख्य अतिथि नहीं होगा.
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अधिकारियों ने कहा कि परेड के रूट में कोई परिवर्तन नहीं है. एक अधिकारी ने बताया, "पानी की निकासी से जुड़े बेहतर रास्ते, माइक्रो इरिगेशन सिस्टम, कुछ पैदल पथ और बैठने के लिए बेहतर मॉडल कुर्सियां तैयार की जा रही हैं."
477 करोड़ रुपये की सेंट्रल विस्टा राजपथ परियोजना का काम अभी बाकी है और बचा हुआ काम अब गणतंत्र दिवस समारोह के बाद पूरा किया जाएगा. परियोजना को दिसंबर में पूरा किया जाना था, लेकिन महामारी और उससे जुड़े प्रतिबंधों, बेमौसम बारिश समेत अन्य वजहों से परियोजना को पूरा करने में देरी हुई.
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