72nd Republic Day Parade : इस बार की परेड बहुत मायनों में अलग होगी. (फाइल फोटो)
Republic Day 2021 : भारत मंगलवार यानी 26 जनवरी, 2021 को अपना 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. लेकिन इस बार कोरोनावायरस के चलते गणतंत्र दिवस काफी अलग रहने वाला है. इस बार कार्यक्रम भी कम रखे गए हैं, वहीं गणतंत्र की परेड भी इस बार छोटी होगी. कोविड के चलते सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन किया जाएगा. इस बार कोई मुख्य अतिथि भी नहीं है. परेड देखने भी कम लोगों को बुलाया गया है. हर साल की तरह इस बार परेड देखने के लिए 15 साल से कम उम्र के बच्चों को भी नहीं बुलाया गया है. इस बार सेना और नेवी के जवानों की संख्या भी कम कर दी गई है. हालांकि, दो चीजें नई होंगी. वायुसेना में शामिल किया गया राफेल फाइटर जेट यहां पर उड़ान भरेगा. वहीं भारत-पाकिस्तान युद्ध के 50 साल पूरे होने पर परेड में बांग्लादेश की तीनों सेनाएं भी शामिल होंगी. तीनों सेनाओं का टैंक परेड की पहली 10 कतारों में होगा, जो परेड को लीड करेगा.
इस बार की खास बातें
महामारी के खतरे के मद्देनजर इस बार गणतंत्र दिवस परेड विजय चौक से शुरू होकर नेशनल स्टेडियम तक जाएगी जबकि हर बार परेड राजपथ से शुरू होकर लाल किले तक जाती थी. इस वजह से इसकी लंबाई करीब 8 किलोमीटर की बजाय महज़ साढ़े तीन किलोमीटर के आसपास ही होगी.
इस बार की परेड बांग्लादेशी सेना की 122 सदस्यीय कॉन्टिंजेंट के साथ शुरू होगी, जिसका नेतृत्व कर्नल मोहतसिम हैदर चौधरी करेंगे. पहली छह कतारें थल सेना, बाकी चार में नेवी और वायु सेना के जवान होंगे. PTI के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय ने कहा कि 'बांग्लादेश की कॉन्टिजेंसी बांग्लादेश को 1971 में आजाद करने वाले ऐतिहासिक मुक्तिजोद्धाओं की गाथा को दिखाएगा.'
आर्मी, नेवी और वायुसेना के मार्चिंग दल भी परेड में हिस्सा लेंगे, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के पालन के लिए उनकी संख्या कम होगी. आर्मी और नेवी में 144 जवानों की बजाय 96 जवान होंगे, वहीं वायुसेना से 94 जवान परेड करेंगे. आर्मी के छह मार्चिंग दल होंगे, वहीं नेवी और एयरफोर्स के एक-एक बैंड और एक-एक मार्चिंग दल होंगे. इस बार परेड में सेना और अर्द्धसैनिक बलों के कुल 18 दस्ते हिस्सा लेंगे. इस बार भूतपूर्व सैनिकों का दस्ता नहीं होगा.
देश की थल सेना परेड में तीसरी पीढ़ी की रशियन T-90 बैटल टैंक, T-72 ब्रिज लेयर टैंक, जवानों को कैरी करने वाली सशस्त्र BMP-2 और पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर सहित ब्रह्मोस के कई अलग वेरियंट के साथ उतरेगी. भारत का नया फाइटर जेट राफेल भी इस बार उड़ान भरेगा और वर्टिकल चार्ली फॉर्मेशन में फ्लाई पास्ट करेगा. साथ ही सुखोई और जगुआर जैसे लड़ाकू विमान भी अपना जौहर दिखाएंगे.
इस बार देश एक और इतिहास रचेगा, जब कॉम्बैट मिशन में फाइटर जेट उड़ाने के लिए क्वालिफाई करने वाली पहली महिला फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कांत फ्लाई पास्ट में हिस्सा लेंगी. फ्लाई पास्ट में 38 एयरफोर्स और चार आर्मी के एयरक्राफ्ट हिस्सा लेंगे. वायु सेना के फ्लाई पास्ट हल्के लड़ाकू विमान एलसीए, हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर एलसीएच और सुखोई -30 लड़ाकू विमानों का एक मॉक-अप प्रदर्शन होगा.
नेवी का टैब्लू INS विक्रांत का मॉडल शोकेस करेगा. वहीं 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में जो नवल ऑपरेशन किए गए थे, उसका डिस्प्ले भी किया जाएगा. टैब्लू में आगे कराची हार्बर पर हमला दिखाया जाएगा, वहीं, पिछले हिस्से में आईएनएस विक्रांत के युद्ध में योगदान को दिखाया जाएगा.
कोविड सेफ्टी प्रोटोकॉल के तहत, आर्मी के जवानों को बायो बबल्स में रखा गया है, जहां पर किसी को भी प्रवेश या निकासी की अनुमति नहीं हैं. इस बार राजपथ की परेड में शामिल होने वाले हमेशा की तरह 1.15 लाख लोगों की जगह महज 25,000 लोग रहेंगे, जिनमें सभी लोगों के बैठने की व्यवस्था की जाएगी. स्कूली बच्चों की संख्या पिछले साल के 600 से घटाकर महज 160 कर दी गई है, वो भी 15 साल से कम के बच्चे इस बार शामिल नहीं होंगे. दर्शकों और परेड में हिस्सा ले रहे सभी लोगों को फेस मास्क पहनना जरूरी होगा.
परेड में शामिल हो रही झांकियों में से एक उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के मॉडल का भी होगा. वहीं. भारत का नया केंद्रशासित प्रदेश- लद्दाख - भी अपनी झांकी शामिल करेगा, जिसमें थिकसे मॉनेस्ट्री और प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहरों को दिखाया जाएगा. नौवें सिख गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी के बेमिसाल और सर्वोच्च बलिदान को पंजाब की झांकी में गणतंत्र दिवस पर दर्शाया जाएगा.
बता दें कि इस बार की परेड में कोई मुख्य अतिथि नहीं है. पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को बुलाया गया था लेकिन यूके कोरोनावायरस का नया स्ट्रेन मिलने के बाद यह यात्रा रद्द कर दी दई. बता दें कि पिछले साल गणतंत्र दिवस पर ब्राज़ील के राष्ट्रपति जेयर बोलसनारो को बुलाया गया था.
इस बार की परेड के साथ एक और अलग चीज है. यह परेड तब हो रही है, जब देश के कई राज्यों के किसान दिल्ली में इसके समानांतर में किसान ट्रैक्टर रैली निकाल रहे हैं. परेड खत्म होने के बाद कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान अपनी रैली निकालेंगे. इसके लिए उन्हें दिल्ली पुलिस से अनुमति मिली हुई है.