आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई और सरकार के बीच तकरार बढ़ने की वजह से ऐसी खबर है कि गवर्नर उर्जित पटेल इस्तीफा दे सकते हैं. बुधवार को टीवी चैनल्स की रिपोर्ट्स से कहा गया कि रुपये की गिरती कीमतों की वजह से सरकार के साथ रिश्तों में आई खटास के चलते उर्जित पटेल इस्तीफा दे सकते हैं. टीवी चैनल्स सीएनबीसी- टीवी 18 और ईटी नाउ की खबर के ने सूत्रों के हवावे से कहा कि उर्जित पटेल किसी भी वक्त इस्तीफा दे सकते हैं. माना जा रहा है कि अगर सरकार रिजर्व बैंक का सेक्शन 7 लागू करती है तो उर्जित पटेल इस्तीफा दे सकते हैं. रिजर्व बैंक के सेक्शन 7 के तहत सरकार को ये अधिकार है कि वो आरबीआई के गवर्नर को गंभीर और जनता के हित के मुद्दों पर काम करने के लिए निर्देश दे सकती है.
ऐसा कहा गया है कि सरकार ने हाल के हफ्तों में रिजर्व बैंक को सेक्शन 7 के तहत पत्र भेजे हैं. इसमें नन बैंक फिनांस कंपनी के लिए नकदी, कमजोर बैंकों के लिए पूंजी और एसएमई को लोन जैसे मुद्दे शामिल हैं. इकॉनोमिक्स टाइम्स के अनुसार, सेक्शन 7 में कहा गया है कि 'सरकार रिजर्व बैंक के गवर्नर से बातचीत करने के बाद समय-समय पर जनता के हित में रिजर्व बैंक को आदेश दे सकती है.' अब तक भारत की आजादी के बाद यह लागू नहीं हो पाया है.
हालांकि, वित्त मंत्रालय ने आरबीआई को लेकर बयान जारी कर कहा है कि आरबीआई की स्वायत्ता जरूरी है और सरकार उसकी स्वायत्तता का सम्मान करती है. वित्त मंत्रालय ने कहा कि बैंक और सरकारें दोनों जनहित का काम करें. सरकार और आरबीआई के बीच लगातार विचार विमर्श हो रहा है.
बता दें कि मंगलवार को बीते 15 अक्टूबर के बाद से रूपये सबसे नीचले स्तर पर आया. आयातकों की डॉलर मांग आने तथा विदेशी निवेशकों की सतत लिवाली से बुधवार को अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में शुरुआती कारोबार में रुपया 43 पैसे कमजोर होकर 74.11 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया. कारोबारियों ने कहा कि विदेशी बाजारों में अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर के मजबूत रहने तथा सरकार एवं रिजर्व बैंक के बीच खींचतान की चिंताओं का भी रुपये पर दबाव रहा. मंगलवार को रुपया 23 पैसे गिरकर 73.68 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था.
ऐसा कहा गया है कि सरकार ने हाल के हफ्तों में रिजर्व बैंक को सेक्शन 7 के तहत पत्र भेजे हैं. इसमें नन बैंक फिनांस कंपनी के लिए नकदी, कमजोर बैंकों के लिए पूंजी और एसएमई को लोन जैसे मुद्दे शामिल हैं. इकॉनोमिक्स टाइम्स के अनुसार, सेक्शन 7 में कहा गया है कि 'सरकार रिजर्व बैंक के गवर्नर से बातचीत करने के बाद समय-समय पर जनता के हित में रिजर्व बैंक को आदेश दे सकती है.' अब तक भारत की आजादी के बाद यह लागू नहीं हो पाया है.
हालांकि, वित्त मंत्रालय ने आरबीआई को लेकर बयान जारी कर कहा है कि आरबीआई की स्वायत्ता जरूरी है और सरकार उसकी स्वायत्तता का सम्मान करती है. वित्त मंत्रालय ने कहा कि बैंक और सरकारें दोनों जनहित का काम करें. सरकार और आरबीआई के बीच लगातार विचार विमर्श हो रहा है.
बता दें कि मंगलवार को बीते 15 अक्टूबर के बाद से रूपये सबसे नीचले स्तर पर आया. आयातकों की डॉलर मांग आने तथा विदेशी निवेशकों की सतत लिवाली से बुधवार को अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में शुरुआती कारोबार में रुपया 43 पैसे कमजोर होकर 74.11 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया. कारोबारियों ने कहा कि विदेशी बाजारों में अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर के मजबूत रहने तथा सरकार एवं रिजर्व बैंक के बीच खींचतान की चिंताओं का भी रुपये पर दबाव रहा. मंगलवार को रुपया 23 पैसे गिरकर 73.68 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था.
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