संसद के मानसून सत्र (Monsoon Session of Parliament) में जारी हंगामे के बीच ऊपरी सदन राज्यसभा (Rajya Sabha) में सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध कम होने की कुछ खबरें आ रही हैं. हालांकि, सरकार और विपक्षी दोनों ही सूत्रों ने इससे इनकार किया है लेकिन कल बिजनेस एडवाइजरी काउंसिल (BAC) की बैठक में 7 बिलों के लिए काफी समय आवंटित किया गया है.
इसका मतलब दोनों पक्षों के बीच समझौता नहीं है लेकिन पेगासस जासूसी कांड पर चर्चा के लिए सरकार की सहमति के बिना नए विधेयकों को समय देने के लिए विपक्ष का सहमत होना काफी महत्वपूर्ण है. इससे पता चलता है कि सदन में जारी गतिरोध के बीच इन 7 विधेयकों के पारित होने की संभावना है.
इन सात विधेयकों को पारित कराने के लिए कुल 17 घंटे आवंटित किए गए हैं. इनमें ट्रिब्यूनल रिफॉर्म्स बिल, एयरपोर्ट्स रेगुलेशन अथॉरिटी बिल, जनरल इंश्योरेंस नेशनलाइजेशन अमेंडमेंट बिल, लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप अमेंडमेंट बिल, डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल शामिल हैं.
इसके अलावा हाल ही में जारी सूचना प्रौद्योगिकी नियमों को रद्द करने के लिए बिनॉय विश्वम और श्रेयस कुमार द्वारा दिए गए नोटिस को लेने पर भी सहमति बनी है.
बता दें कि संसद में पेगासस सहित विभिन्न मुद्दों पर जारी हंगामे और व्यवधान के लिए अपनाए जा रहे रवैये के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को विपक्षी दलों को आड़े हाथों लिया और कहा कि कागज फाड़ने और उसके टुकड़े कर हवा में लहराने जैसी घटनाएं और विधेयकों के पारित किए जाने के तौर तरीकों के लिए ‘‘आपत्तिजनक'' टिप्पणियां करना संविधान, संसद और जनता का ‘‘अपमान'' है.
प्रधानमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए यह बातें कहीं . मानसून सत्र में यह संसदीय दल की तीसरी बैठक थी, जिसे प्रधानमंत्री ने संबोधित किया. अपने पूर्व के संबोधनों में भी संसद में हंगामे के लिए भी विपक्षी दलों पर वह निशाना साध चुके हैं.
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