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This Article is From May 25, 2020

पश्चिम बंगाल: विरोध प्रदर्शन की वजह से नहीं हो पा रहा चक्रवात प्रभावित इलाकों में मरम्मत का काम

भारतीय सेना भी रविवार को कोलकाता में ममता बनर्जी सरकार के साथ चक्रवात प्रभावित इलाकों में मदद करने पहुंची. पश्चिम बंगाल में आए अम्फान चक्रवात ने तबाही मचाकर रख दी है.

पश्चिम बंगाल: विरोध प्रदर्शन की वजह से नहीं हो पा रहा चक्रवात प्रभावित इलाकों में मरम्मत का काम
बंगाल के जनजीवन को फिर से पटरी पर लाने में सेना और NDRF कर रहे हैं मदद
कोलकाता:

भारतीय सेना भी रविवार को कोलकाता में ममता बनर्जी सरकार के साथ चक्रवात प्रभावित इलाकों में मदद करने पहुंची. पश्चिम बंगाल में आए अम्फान चक्रवात ने तबाही मचाकर रख दी है. अम्फान की वजह से तटीय बंगाल और कोलकाता के हिस्सों में भारी नुकसान हुआ, हजारों पेड़ उखड़ गए, हजारों आशियाने भी तबाह हो गए और लाखों लोग बिना बिजली और पानी के परेशान हैं. रविवार को सेना के जवान NDRF के साथ सड़कों पर गिरे पेड़ हटाते हुए दिखाई दिए. सेना और NDRF के जवानों के अलावा बंगाल की सड़कों पर नाराज लोग भी दिखाई दिए जोकि लगातार बिजली, पानी और मोबाइल फोन कवरेज की बहाली को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. 

पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में जारी विरोध प्रदर्शनों के कारण चक्रवात से प्रभावित दूरसंचार नेटवर्क को ठीक करने का कार्य प्रभावित हो रहा है. अधिकारियों ने रविवार को यह कहा. उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय प्रशासन और बिजली वितरण कंपनियों आदि के अधिकारियों के बीच समन्वय की कमी ने भी नेटवर्क ठीक करने की प्रक्रिया को धीमा कर दिया है. चक्रवात के कारण राज्य के कई इलाकों में पानी और बिजली की आपूर्ति बाधित है. लोग इन सेवाओं की बहाली के लिये विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. अधिकारियों ने कहा कि दूरसंचार विभाग चक्रवात प्रभावित इलाकों में दूरसंचार सेवाओं को सामान्य बनाने के काम की प्रगति की बारीकी से निगरानी कर रहा है. एक अधिकारी ने कहा, "दूरसंचार सेवा प्रदाताओं का प्राथमिक उद्देश्य सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में पहले कॉल सेवा की बहाली के साथ उन इलाकों का सामुदायिक अलगाव समाप्त करना है. बाद में डेटा सेवाओं को बहाल किया जा सकता है.''

चक्रवात अम्फान के कहर से सर्वाधिक प्रभावित कोलकाता शहर और आसपास के जिलों - उत्तर और दक्षिण 24 परगना और हावड़ा में कुछ ऑपरेटरों के कम से कम 50 प्रतिशत बेस ट्रांसीवर स्टेशन (बीटीएस) अब भी खराब हैं. बीएसएनएल के एक शीर्ष अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, "दूरसंचार सेवा की बहाली का काम बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हमारे लोगों को राज्य के विभिन्न हिस्सों में काम करने की अनुमति नहीं दी गयी है, क्योंकि गुस्साये निवासियों का विरोध प्रदर्शन जारी है.'' उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन और एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी बहाली प्रक्रिया को धीमा कर रही है. 

उन्होंने कहा, "बीएसएनएल के कोलकाता सर्किल में 1,860 टावरों में 3,200 बीटीएस हैं। इनमें से लगभग 800 टावर अब भी खराब हैं." रिलायंस जियो ने कहा कि उसने कुल कवरेज का 70 प्रतिशत वापस बहाल कर लिया है. वोडाफोन-आइडिया और एयरटेल ने उनके नेटवर्क के बारे में पूछे गये सवालों के अभी जवाब नहीं दिये हैं. एक दूरसंचार अधिकारी ने कहा, "दूरसंचार सेवाओं को सामान्य होने में एक महीने का समय लग सकता है."

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