यह ख़बर 13 जुलाई, 2014 को प्रकाशित हुई थी

हाईकोर्ट के धोती पहने जज को क्लब में प्रवेश नहीं देने को लेकर विवाद

चेन्नई:

मद्रास हाईकोर्ट के धोती पहने एक जज को एक क्लब में प्रवेश देने से इनकार करने के मामले में विवाद पैदा हो गया है। डीएमके ने जहां घटना की निंदा की है, वहीं माकपा ने मुद्दे को कल तमिलनाडु विधानसभा में उठाने की बात कही जिसका फिलहाल सत्र चल रहा है।

डीएमके प्रमुख एम. करुणानिधि और टीएनसीसी के अध्यक्ष बीएस गनानादेसिकन ने कहा कि सरकार को सार्वजनिक समारोहों में किसी भी तरह के ड्रेस कोड को हटाने के कदम उठाने चाहिए।

करुणानिधि ने कहा कि वेती (धोती) तमिलनाडु की संस्कृति का हिस्सा है और यह 'निंदनीय' है कि किसी को सार्वजनिक समारोह में परंपरागत वस्त्र पहनने से रोका जाए।

करुणानिधि ने आज यहां बयान जारी कर कहा, 'इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सरकार को ड्रेस कोड हटाने पर स्वत: संज्ञान लेकर सलाह जारी करना चाहिए।'

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गौरतलब है कि मद्रास हाईकोर्ट के जज डी. हरिपराथमन को तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन क्लब में हॉल में धोती पहनकर घुसने से रोक दिया गया था। वह जब हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस टीएस अरुणाचलम के पुस्तक विमोचन समारोह में शिरकत करने के लिए अपने सरकारी वाहन से क्लब परिसर में उतरे तो क्लब के कुछ कर्मचारियों ने उनसे कहा कि वह धोती पहनकर परिसर में प्रवेश नहीं कर सकते, क्योंकि पदाधिकारियों की तरफ से उन्हें निर्देश है कि क्लब में ड्रेस कोड का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति को प्रवेश नहीं करने दिया जाए।