मसूद अजहर की फाइल तस्वीर
नई दिल्ली:
भारत ने पाकिस्तान को पठानकोट हमले में नए सबूत दिए हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का कहना है कि भारत, पाकिस्तान को इतने सबूत दे चुका है कि पाकिस्तान इस बात से अब इनकार नहीं कर सकता कि हमला उसके यहां से हुआ था। पठानकोट के हमलावरों के किलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाने में भी एनआईए को कामयाबी मिली है।
गृह मंत्रालय के मुताबिक पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड माने जाने वाले मसूद अजहर और उसके भाई अब्दुल रऊफ के खिलाफ पठानकोट हमला के मामले में रेड कॉर्नर नोटिस जारी हो गया है। एनआईए के मुताबिक उसने पाकिस्तान को अनुपूरक पत्र भेजकर वहां इस मामले की जांच को आगे बढ़ाने को कहा है।
एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक एनआईए ने पाकिस्तान को बताया है कि शाहिद लतीफ ने कैसे आतंकवादियों की मदद की थी। एनआईए ने शाहिद के खिलाफ भी रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाया है। कासिफ जान के खिलाफ भी रेड कॉर्नर नोटिस जारी हुआ है और इस बात के सबूत दिए गए हैं कि आतंकी हमले के समय कासिफ से बात कर रहे थे।
इस बीच इस खबर पर राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है कि शाहिद लतीफ उन 25 आतंकियों में था, जिन्हें यूपीए सरकार ने 2010 में पाकिस्तान के साथ सद्भावना दिखाते हुए छोड़ दिया था। हालांकि एनआईए का कहना है कि शाहिद लतीफ अपने हिस्से की सजा काट चुका था, इसलिए उसे रिहा किया गया था।
एनआईए ने पाकिस्तान को जैश का मुखपत्र माने जाने वाले अलकलाम ऑनलाइन वेबसाइट के खिलाफ भी कार्रवाई करने को कहा है, साथ ही rangonoor.com के खिलाफ भी। अब्दुल रॉऊफ ने इसी साइट पर पठानकोट हमले की जिम्मेदारी ली थी और ये भी माना था कि हमले में चार आतंकवादी मारे गए। एनआईए बेशक पाकिस्तान को सबूत दे रहा हो लेकिन सच ये भी है कि भारत के दिए किसी भी लेटर ऑफ रोगेटोरी का जवाब कभी भी पाकिस्तान ने नहीं दिया है।
गृह मंत्रालय के मुताबिक पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड माने जाने वाले मसूद अजहर और उसके भाई अब्दुल रऊफ के खिलाफ पठानकोट हमला के मामले में रेड कॉर्नर नोटिस जारी हो गया है। एनआईए के मुताबिक उसने पाकिस्तान को अनुपूरक पत्र भेजकर वहां इस मामले की जांच को आगे बढ़ाने को कहा है।
एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक एनआईए ने पाकिस्तान को बताया है कि शाहिद लतीफ ने कैसे आतंकवादियों की मदद की थी। एनआईए ने शाहिद के खिलाफ भी रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाया है। कासिफ जान के खिलाफ भी रेड कॉर्नर नोटिस जारी हुआ है और इस बात के सबूत दिए गए हैं कि आतंकी हमले के समय कासिफ से बात कर रहे थे।
इस बीच इस खबर पर राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है कि शाहिद लतीफ उन 25 आतंकियों में था, जिन्हें यूपीए सरकार ने 2010 में पाकिस्तान के साथ सद्भावना दिखाते हुए छोड़ दिया था। हालांकि एनआईए का कहना है कि शाहिद लतीफ अपने हिस्से की सजा काट चुका था, इसलिए उसे रिहा किया गया था।
एनआईए ने पाकिस्तान को जैश का मुखपत्र माने जाने वाले अलकलाम ऑनलाइन वेबसाइट के खिलाफ भी कार्रवाई करने को कहा है, साथ ही rangonoor.com के खिलाफ भी। अब्दुल रॉऊफ ने इसी साइट पर पठानकोट हमले की जिम्मेदारी ली थी और ये भी माना था कि हमले में चार आतंकवादी मारे गए। एनआईए बेशक पाकिस्तान को सबूत दे रहा हो लेकिन सच ये भी है कि भारत के दिए किसी भी लेटर ऑफ रोगेटोरी का जवाब कभी भी पाकिस्तान ने नहीं दिया है।
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